बड़े लीडरों जमावड़ा होने की खबर
वहीं अबूझमाड के अंदरूनी गांवों से मुख्यालय आने-जाने सहित आस-पास गांवों में ग्रामीणों की आवाजाही पर माओवादियों ने पांबदी लगा देने के कारण ग्रामीण दहशतजदा बने हुए है। ऐसे में 12 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान के दिन अबूझमाड़ क्षेत्र के मतदाता अपने मतदान केन्द्र तक पहुंच पायेगें या नहीं इसको देखना लाजमी होगा। अबूझमाड़ के अदंरूनी क्षेत्र में माओवादियों के बडे लीडरों जमावड़ा होने की खबर माड़ के जंगलों से बाहर निकलकर आ रही है। माओवादियों के बडे लीडर अदंरूनी गांव में जगह-जगह कदम ताल कर सुरक्षित ठिकानों पर निवास कर विधानसभा चुनाव में खलल पैदा करने के लिए नई रणनीति तैयार करने की बाते सामने आ रही है।
मौत का डर ग्रामीणों में बना हुआ है
अबूझमाड के अंदरूनी गांव में माओवादियों ने बैठक लेकर वोंटिग नहीं करने का फरमान जारी कर मतदान केन्द्र में जाकर वोटिंग करने पर इसका अजमा भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी देकर ग्रामीणों को हाथ-पैर तोडने की धमकी दे रहे है। इससे विधानसभा चुनाव में ग्रामीण वोटिंग करे या नहीं इसको लेकर असंमजस में बने हुए है। एक तरफ विकास से कोसों दूर अबूझमाड में मूलभुत सुविधाओं की आस में ग्रामीण जहां वोटिंग करने का मन बना रहे है। वही दुसरी तरफ माओवादियों के फरमान की अनदेखी कर वोटिंग करने जाने पर मौत का डर ग्रामीणों में बना हुआ है। इससे अबूझमाड़ के ग्रामीण दो पाटों के बीच पीसते नजर आ रहे है।
बंदूक की नोक पर वोटिंग नहीं करने का जारी किया फरमान
माओवादियों के बडे लीडर अंदरूनी क्षेत्र के गावंों में कदम ताल कर ग्रामीणों की बैठक लेकर बंदुक की नोक पर वोटिंग नहीं करने का फ रमान जारी कर रहे है। माओवादियों नेे अबूझमाड के तोके, पालरहुर,कोंगे, बोगान, कोंगाली, जटवर, गारपा, फरसबेड़ा, धूरबेडा, कुतुल सहित कई गांव के में बैठक कर ग्रामीणों को वोटिंग नहीं करने की हिदायत दी है। गांव का कोई भी ग्रामीण वोटिंग के लिए मतदान केन्द्र तक पहुंचने की बात पता चलने पर इसकी सजा जनअदालत में तय करने का फ रमान माओवादियों ने जारी किया है। अबूझमाड के दूरस्थ अंचल में निवासरत ग्रामीण माओवादियों के फ रमान से दहशत में है। इस फ रमान की अनदेखी ग्रामीणों पर किस
तरह की मुसीबत लायेगी यह तो वक्त ही बताएगा।