अबूझमाड़ ओरछा ब्लॉक मुख्यालय की सड़क
अबूझमाड ओरछा ब्लॉक मुख्यालय को जिला मुख्यालय से जोडने वाली ओरछा सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसमें मुख्यालय के गढ़बेंगाल से छोटेडोंगर तक का सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद छोटेडोंगर से ओरछा तक की सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन सड़क निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार गुणवत्ता विहिन कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड रहे है। इस सडक निर्माण कार्य में मुरूम की जगह मिट्टी का उपयोग करने के कारण करीब 4 किलोमीटर सडक पूरी तरह किचड़ में तब्दील हो गई है। इस सड़क भरी सड़क में पैदल चलना तक ग्रामीणों के लिए दुर्भर हो गया है। इसके बावजूद लोक निर्माण निर्माण विभाग अधिकारियों का ध्यान इस कीचड़ भरी सड़क में नही जा रहा है। इसके कारण ओरछा ब्लॉक मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए ओरछा के ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड
रहा है।
अबूझमाड के कुतुल मार्ग की हालत खस्ताहाल
अबूझमाड के आकाबेड़ा का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है। जिला मुख्यालय से अबूझमाड़ कुतुल पहुंचने वाली सड़क करेलघाटी में कीचड में तब्दील हो गई है। इससे करेलघाट का मार्ग पूरी तरह कीचड से सराबोर होने के कारण इससे सफ र करना मतलब जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। इसके कारण अबूझमाड़ से कुतुल जाने वाले मार्ग से दो पहिया वाहन तक की आवाजाही नहीं हो पा रही है। वहीं पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश के कारण नेडनार मोड के पहले बना पाईप वाला पुलिया पानी के तेज बहाव के कारण बह गया है। इसके कारण अबूझमाड के आकाबेड़ा का मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है। इससे ग्रामीण जिला मुख्यालय नहीं पहुंच पा रहे है।
सोनपुर मार्ग की हालत दयनीय
नारायणपुर ब्लॉक का एक मात्र सोनपुर ग्राम पंचायत अबूझमाड की गोद में बसा हुआ है। इस ग्राम पंचायत को चारों ओर से अबूझमाड़ इलाके में घेर रखा है। जिला मुख्यालय से सोनपुर मुख्य मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें बासिंग गांव तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बाद कुंदला गांव से सोनुपर तक की सडक का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस सडक निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार ने जगह-जगह पुलिया बनाने का कार्य बारिश शुरू होने के पूर्व किया था। जिसको समय पर पूर्ण करने के लिए कोई कारगर कदम नह उठाया। वहीं पुलिया निर्माण कार्य शुरू करने के पूर्व ठेकेदार ने परिवर्तित मार्ग तय मापदंड के अनुसार बनाने में कोई रूचि नहंी दिखाई। इससे कई जगहों पर परिवर्तित मार्ग कीचड़ में तब्दील हो गया है। वही कुछ स्थानों पर परिवर्तित मार्ग बनाने के लिए नाले में डाली गई मिट्टी पानी के तेज बहाव में बह गई है। वही सडक निर्माण कार्य में मुरूम की जगह मिट्टी का उपयोग करने के कारण करीब 4 किलोमीटर सडक कीचड में तब्दील हो गई है। इससे सोनपुर मार्ग की हालत इन दिनों दयनीय बनी हुई है।
अबूझमाड़ कोहकामेटा पहुंचना हुआ मुश्किल
सरकार ने भले कोहकामेटा को नया ब्लॉक बनाने की योजना बना रही है। लेकिन इस कोहकामेटा तक पहुंचना इन दिनों किसी मुसीबत से कम नहीं है। कुंदला गांव से करीब 8 किलोमीटर का सफ र तय करने के बाद कोहकामेटा गांव पहुंचा जा सकता है। इसमें कुंदला से किहकाड़ गांव तक मुरूमीकृत सड़क का निर्माण ग्राम पंचायत के माध्यम से किया गया था। इस सडक में मुरूम बिछाने की बजाय मिट्टी का उपयोग कर निर्माण कार्य में पूरी तरह खानापूर्ति कर ली गई। इससे सडक कीचड़ में तब्दील हो गई है। इसके साथ ही कोहकामेटा पुल से दोनों ओर बनाया एप्रोच मार्ग पानी के तेज बहाव के कारण कई जगहों पर कट गया है। इसके साथ ही दो स्थानों पर पाईप का पुलिया बह गई है।