scriptइस कुपोषित भवन में होता है मातृत्व मृत्यु दर व कुपोषण में कमी लाने वाली योजनाओं का संचालन | This malnourished building leads to maternal mortality and malnutritio | Patrika News

इस कुपोषित भवन में होता है मातृत्व मृत्यु दर व कुपोषण में कमी लाने वाली योजनाओं का संचालन

locationनारायणपुरPublished: Sep 11, 2018 12:15:05 pm

Submitted by:

Badal Dewangan

जर्जर आंबा भवन में मिटाया जा रहा कुपोषण, नौनिहालों के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा

कुपोषण में कमी

इस कुपोषित भवन में होता है मातृत्व मृत्यु दर व कुपोषण में कमी लाने वाली योजनाओं का संचालन

छोटेडोंगर/नारायणपुर. प्रदेश सरकार मातृत्व मृत्यू दर सहित कुपोषण में कमी लाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं संचालित कर करोड़ों रूपए इन योजनाओं के नाम पर फूंक रही है। लेकिन इन योजनाओं को जिस छत के नीचे क्रियान्वित किया जा रहा है। उसकी दयनीय हालत कुछ और बयां कर रही है। इसकी बानगी कांकेरबेडा आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक 1 में देखने को मिल सकती है।

नौनिहालों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है
इस जर्जर आंगनबाडी भवन में कुपोषण सहित शिशु व मातृत्व मृत्यू दर मिटाने की कवायद की जा रही है। इससे जर्जर भवन में अध्यापन कार्य करने के लिए पहुंच रहे नौनिहालों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। इसके बावजूद विभाग पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। जिनको नौनिहाल के भविष्य से कोई सरोकार नजर नहीं आ रहा है।

बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना होने का अंदेशा
मुख्यालय से करीब 43 किलोमीटर दूर छोटेडोंगर ग्राम पंचायत के कांकेरबेडा गांव में आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक 1 संचालन किया जाता है। इस आंगनबाडी भवन की हालत दयनीय बनी हुई है। इसमें भवन की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पडऩे के साथ ही बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने लगता है। वहीं भवन के चारों ओर बाउंड्रीवाल का अभाव होने के कारण प्रांगण में पानी भरने के साथ ही मवेशी गंदगी फैला देते है। इससे आंगनबाडी कार्यकर्ता व सहायिका सहित नौनिहाल को परेशानियों का सामना करने के लिए मजबूर होना पडता है। इस जर्जर कांकेरबेडा आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक 1 की हालत दयनीय होने के कारण अध्यापन कार्य करने के लिए पहुंचने वाले बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना होने का अंदेशा बना रहता है।

कुपोषण सहित शिशु व मातृत्व मृत्यू दर मिटाने की कवायद की जा रही
इसको देखते हुए कांकेरबेड़ा के ग्रामीण 2 साल से नए आंगनबाडी भवन के लिए जनसमस्या निवारण शिविर, ग्रामसभा सहित लोक सुराज अभियान में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को गुहार लगा रहे हंै। लेकिन किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंग पाई है। इस समस्या से तंग आ चूके ग्रामीणों ने नौनिहालों के साथ कोई अप्रिय घटना न घटित हो इसको देखकर आपसी सहमति से आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक 1 का संचालन पास के सांस्कृतिक भवन में करने का निर्णय लिया है। इसके बाद से आंनगबाडी का संचालन झोपडीनुमा भवन में कर कुपोषण सहित शिशु व मातृत्व मृत्यू दर मिटाने की कवायद की जा रही है। इसके बावजूद इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

कई बार लगाई गुहार
स्थानीय ग्रामीण चैनसिंग मांझी ने बताया कि, कांकेरबेडा आंगनबाडी केन्द्र क्रमांक 1 के भवन को लेकर 2 साल से शासन-प्रशासन के पास गुहार लगा रहे है। इसके बावजूद समस्या को कोई निराकरण नहीं हुआ है। महिला व बाल विकास विभाग के इस रवैया के कारण ग्रामीणों में काफी रोष है।

नहीं हो रही पहल
कार्यकर्ता हेमबंती पात्र इस आंगनबाडी केन्द्र की दयनीय व जर्जर हालत को देखकर कई बार अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया गया है। इसके बावजूद भवन को लेकर अधिकारियों के द्वारा कोई उचित पहल अब तक नहीं की गई है।

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