जानकारी के अनुसार बच्चों की मां बबिता शेख (कोर्राम) निवासी धौड़ाई ने कलक्टर पीएस एल्मा से लिखित शिकायत की कि उसके पति इब्राहिम शेख और उसके परिवार के लोग प्रताडि़त करते थे। इस कारण वह अपने मायके आ गई पर उसके साथ उसके बच्चों को नहीं आने दिया गया। लेकिन बच्चे बहुत छोटे हैं।
उन्हें मां की जरूरत है। कलक्टर ने मामले को तुरंत संज्ञान लेकर बाल संरक्षण अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रकरण सुपुर्द कर जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कलक्टर के निर्देश पर बाल संरक्षण अधिकारी सरिता वंजारी ने प्रकरण की छानबीन करने पर इसमें सत्यता मिलते ही पूरे दल के साथ पश्चिम बंगाल के जिला बीरभूम प्रशासन-पुलिस प्रशासन के सहयोग से ग्राम छतनी जाकर बच्चों को मुक्त कराया। साथ गई मां के सुपुर्द कर दिया गया।
वंजारी ने बताया कि बबिता कोर्राम को 2014 में तमिलनाडू राज्य के इरोड़ से एक धागा कारखाने से 20 लोगों को मुक्त कराया गया था। इसमें बबिता कोर्राम नामक महिला भी शामिल थी। वहां ये बंधक के रूप में काम कर रही थी। इसी दौरान उसकी इब्राहिम शेख से पहचान हुई थी और बाद में पश्चिम बंगाल उसके गांव चली गयी थी। इब्राहिम शेख इसे अपनी मां के पास छोड़कर फिर से तमिलनाडू रोजी-रोटी कमाने चला गया है और इसकी कोई खोज खबर भी नहीं लेता था। इस कारण इसकी देखरेख सही नहीं होने और घर वालों से प्रताडि़त किए जाने के बाद यह अपने मायके आकर रहने लगी है।