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World Population Day: न सम्भलोगे तो मिट जाओगे, दास्तां तक न मिलेगी दास्तानों में…

locationनारायणपुरPublished: Jul 11, 2019 03:35:54 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

World Population Day: पूरे मानव बिरादरी की बड़ी गलती को सुलझाने के साथ ही साल दर साल इस जनसंख्या विस्फोट के कारण को जानने और एक मंच पर लोगों को बुलाने के लिये पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस के रुप में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जागरुकता अभियान मनाया जाता है

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World Population Day: न सम्भलोगे तो मिट जाओगे, दास्तां तक न मिलेगी दास्तानों में…

जगदलपुर. World Population Day: बढ़ती हुई जनसख्या ही असल में पृथ्वी की सबसे बड़ी समस्या है। हम एक ऐसे वक़्त में आकर खड़े हो गए हैं जहाँ बढ़ती हुई आबादी ही हमारे और हमारे इस पृथ्वी के लिए मुसीबत बन गयी है।ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ता प्रभाव, असंतुलित होता मौसम ऊपर से दिनोंदिन बढ़ती जनसंख्या, ये सभी पूरे विश्व को प्रभावित कर रहें है।

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दुनिया भर में लगातार जनसंख्या का बढ़ता घनत्व व्यक्ति विकास के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। अत: जनसंख्या के इस विस्फोटक स्थिति में पहुँचने के कारणों, इसके खतरों से आगाह करने, बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने एवं एक मंच पर लोगों को बुलाकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाने उद्देश्य से हर वर्ष 11 जुलाई का दिन विश्व जनसंख्या दिव के रूप मनाया जाता है।
जनसख्या विस्फोट के कारण

किसी भी देश की अनुकूलतम जनसंख्या उतनी ही होनी चाहिए जिसके समुचित भरण-पोषण के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध हो। जो देश जनसंख्या की वृद्धि के साथ लोगों के भरण-पोषण के साधनों की व्यवस्था नहीं कर पाते, उन्हें बेरोजगारी, आर्थिक विषमता, भुखमरी, कुपोषण, बीमारी, निरक्षता, और अपराध आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी को जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है।
विश्व जनसंख्या से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1-दुनिया की कुल आबादी का आधा हिस्सा सिर्फ चीन, भारत, पाकिस्तान, ब्राजील, अमेरिका और इण्डोनेशिया में है।
2-विश्व की जनसंख्या का लगभग 50.4 % पुरुष और 49.6 % महिला है।
3-विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाले शहर का दर्जा चीन के संघाई शहर का है।
4-अगर फेसबुक एक देश होता और इसके यूजर निवासी तो यह दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश होता।
5-आंकड़ो के अनुसार हर 20 मिनट में लगभग 3000 लोग पैदा होते है।
6-मानव सभ्यता की शुरुआत से लेकर अब तक 108 अरब लोग हमारी धरती पर रह चुके है।
7-एक बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में रोजाना लगभग 800 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास

11 जुलाई 1987 में जब विश्व की जनसंख्या पांच अरब के आंकड़े को पार कर गई थी तब से इस विशेष दिन को वर्ल्ड पापुलेशन डे घोषित कर हर साल परिवार नियोजन का संकल्प लेने व आम जनता में जागरूकता को बढ़ाने के दिन के रूप में याद किया जाने लगा। इस महान कार्यक्रम को मनाने का निर्णय संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा लिया गया था।

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पर जनसंख्या दिवस (World Population Day) के उद्देश्य से परे इस दिन जागरूकता के नाम पर दुनिया भर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। ‘हम दो हमारे दो’ का नारा भी लगाया जाता है पर क्या लोगों को बढ़ती जनसंख्या के खतरों का बोध हो पाता है नहीं ! लोग जनसंख्या दिवस पर भाषण सुन लेते है व ‘हम दो हमारे दो’ का बोर्ड भी दीवारों पर लगा देख लेते है लेकिन घर जाकर उसे बिलकुल भूल जाते है।
बढ़ती जनसंख्या की यह समस्या सिर्फ किसी एक देश की नहीं है बल्कि आज भारत के साथ विश्व में कई ऐसे देश है जो जनसंख्या की विस्फोटक स्थिति के दौर से गुजर रहें है। इन देशों में गरीबी, शिक्षा की कमी, और बेरोजगारी ऐसे अहम कारक है जिनकी वजह से जनसंख्या का यह विस्फोट प्रतिदिन होता जा रहा है।
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