कर्क राशि- कर्क राशि के जातकों के पंचम भाव में देव गुरू बृहस्पति गोचर कर रहें है। राशि कर्क राशि वाले जातकों के पंचम भाव में देव गुरु बृहस्पति गोचर कर रहे हैं। ऐसे में मैं आपको बता दूं कि विवाह योग के साथ साथ ही कर्क राशि वाले जातक यदि प्रेम विवाह करना चाहें तो भी शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।
वृष- सभी जानते है कि विवाह का कारक देव गुरू बृहस्पति को बताया गया है। और ऐसे में वृष राशि वाले जातको के सप्तम भाव में देव गुरू बृहस्पति गोचर कर रहे हैं। पंडित के अनुसार ये पूरी तरह संकेत कर रहे है कि 2019 में वृष राशि वाले जातकों के घर में विवाह के योग्य है।
सिंह- सिंह राशि के जातकों में जिसकी विवाह की उम्र हो चुकी है और बेवजह अडचने आ रहीं है। तो उनके लिए 2019 खुशियां लेकर आया हैं। विवाह के कारक देव गुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव में गोचर कर कर आपके घर में बजाने वाले हैं शहनाई।
कन्या- कन्या राशि के तृतीय भाव में बृहस्पति, पंचम दृष्टि सप्तम स्थान को देख रहे हैं जो कि विवाह की स्थिति को पूर्णतया कहा जा सकता है। जो की प्रबल विवाह की संभावना को प्रदर्शित करता है।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि के बालको के विवाह के अंदर ही देव गुरु बृहस्पति गोचर करेंगे और सप्तम दृष्टि से वैवाहिक स्थान देंगे। ऐसे में यह संकेत पूर्णत: दर्शाता है कि 2019 के अंदर वृश्चिक राशि वाले जातकों के विवाह के प्रबल योग बने रहेंगे।
कुंभ- कुंभ राशि में दशम भाव में बृहस्पति गोचर कर बना रहे हैं विवाह का श्रेष्ठ योग बना हुआ है। ऐसे में शत प्रतिशत कहा जा सकता है कि इस राशि के जातकों को खास कर बालकों को विवाह का योग्य रहेगा।
कुंभ- कुंभ राशि में दशम भाव में बृहस्पति गोचर कर बना रहे हैं विवाह का श्रेष्ठ योग बना हुआ है। ऐसे में शत प्रतिशत कहा जा सकता है कि इस राशि के जातकों को खास कर बालकों को विवाह का योग्य रहेगा।
मीन- मीन राशि वाले कन्या ब बालकों के नवम भाव के अंदर देव गुरु बृहस्पति गोचर करेंगे। लग्नेश होकर नवम भाव में देव गुरु बृहस्पति की यह गोचर स्थिति दर्शाती है। मीन राशि वाले कन्या व बालक को विवाह संबंधित योगो में भाग्य को परिपूर्ण देखने को मिलेगा। बृहस्पति की उच्च राशि भी होती है, ऐसे में कहा जा सकता है कि यदि मीन राशि वाले जातक प्रेम विवाह करने की भी सोच रहे हैं तो शत-प्रतिशत उत्तम परिणाम देखने को मिल सकते हैं।