सेठानीघाट: पहले प्लाई के पटिए थे सहारा, अब वह भी नहीं
सेठानीघाट पर दिनभर में करीब 2 हजार श्रद्बालु नर्मदा स्नान के साथ दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इनमें स्तनपान कराने वाली महिलाओं की संख्या भी काफी रहती है। यहां पर तिलक भवन के पास प्लाई के पटिओं को जोड़कर आंचल कक्ष का आकार दिया गया था, लेकिन 2019 में आई बाढ़ के कारण यह खराब हो गए। इसके बाद इन्हे निकालकर रख दिया गया, जो अब तक नहीं लग सके।
इन्होंने बताई परेशानी: हरदा से परिवार के साथ नर्मदा स्नान करने आई रानी ने बताया कि उनका छोटा बच्चा है। इन दिनों घाट पर भीड़ काफी रहती है। आंचल कक्ष नहीं होने कारण यहां बने बुर्ज की ओट लेकर बच्चे को दूध पिलाया है।
सेठानीघाट पर दिनभर में करीब 2 हजार श्रद्बालु नर्मदा स्नान के साथ दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इनमें स्तनपान कराने वाली महिलाओं की संख्या भी काफी रहती है। यहां पर तिलक भवन के पास प्लाई के पटिओं को जोड़कर आंचल कक्ष का आकार दिया गया था, लेकिन 2019 में आई बाढ़ के कारण यह खराब हो गए। इसके बाद इन्हे निकालकर रख दिया गया, जो अब तक नहीं लग सके।
इन्होंने बताई परेशानी: हरदा से परिवार के साथ नर्मदा स्नान करने आई रानी ने बताया कि उनका छोटा बच्चा है। इन दिनों घाट पर भीड़ काफी रहती है। आंचल कक्ष नहीं होने कारण यहां बने बुर्ज की ओट लेकर बच्चे को दूध पिलाया है।
बस स्टैंड: आंचल कक्ष ही नहीं, जरूरत होने पर रेनबसेरा ही सहारा
संभागीय बस स्टैंड पर से करीब 350 बसों का आना-जाना होता है। इनमें हजारों की संख्या में नवजात बच्चों की माताएं रहती हैं। कई बार बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यहां आंचलकक्ष नहीं होने के कारण इनकी परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसे में इनके लिए रेन बसेरा भेज दिया जाता है।
इन्होंने बताई परेशानी: बनखेड़ी जाने के लिए बस स्टैंड पर बैठी सावित्री ने बताया तलाश करने के बाद हमें आंचल कक्ष नहीं मिला। पूछताछ करने पर रेन बसेरा में जाने की जानकारी दी गई।
संभागीय बस स्टैंड पर से करीब 350 बसों का आना-जाना होता है। इनमें हजारों की संख्या में नवजात बच्चों की माताएं रहती हैं। कई बार बस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यहां आंचलकक्ष नहीं होने के कारण इनकी परेशानी और बढ़ जाती है। ऐसे में इनके लिए रेन बसेरा भेज दिया जाता है।
इन्होंने बताई परेशानी: बनखेड़ी जाने के लिए बस स्टैंड पर बैठी सावित्री ने बताया तलाश करने के बाद हमें आंचल कक्ष नहीं मिला। पूछताछ करने पर रेन बसेरा में जाने की जानकारी दी गई।