बारिश में भी जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ का नमूना यह है कि उप नगर हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के आवासों में जो नलों से पानी आ रहा, उसमें इल्लियां निकल रही हैं। यह स्थिति बीते एक सप्ताह से बनी हुई है, लेकिन रहवासियों की शिकायत के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। शुक्रवार सुबह जो नर्मदा जल सप्लाई हुआ, उसमें ओल्ड कॉलोनी निवासी जिला अधिवक्ता संघ के सचिव हेमेंद्र सिंह ठाकुर सहित उनके आसपास के दर्जनों घरों में नल में से पानी में इल्लियां तैरती नजर आईं।
इन इलाकों में आ रही शिकायतें शहर में जहां नर्मदाजल सप्लाई होता है, उसमें दूषित-मटमैले पानी की शिकायतें आ रही है। हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र, न्यास कॉलोनी , छोटी पहाडिय़ा बस्ती, इंदिरा आवास, आदर्श नगर, जिप्सी हट, बाढ़ पीडि़त कॉलोनी, हर्ष नगर, हिल व्यू होम्स, फेफरताल, महिमा नगर, भीलपुरा, बीटीआई, मालाखेड़ी में हर्णे कॉलोनी, शांति नगर, खोजनपुर टे्रंचिंग ग्राउंड के आसपास की बस्ती, बाजार पुराने शहर शामिल हैं। यहां कुछ स्थानों पर नाले-नालियों के ऊपर,बाजू से ही नर्मदा पेयजल लाइनें डाल दी गईं। कहीं पर खुले में पाइप लाइन बिछी हुई है। बीते एक सप्ताह से यहां कई स्थानों से मटमैला पानी आ रहा है। चुनाव एवं घोषणा के बाद भी सुधार नहीं आ रहा है। नगरपालिका के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
फिल्टर प्लांट में गुणवत्ता पूर्ण नहीं एलम सूत्रों ने बताया कि नगरपालिका के सर्किट हाउस के पीछे स्थित जो इंटकवेल प्लांट हैं, वहां से नर्मदा जल को पंप करके बड़ी-मुख्य पाइप लाइन के जरिए पानी को कुलामढ़ी स्थित फिल्टर प्लांट पर भेजा जाता है। यहां से एलम-फिटकरी एवं हाइपो क्लोराइड के जरिए पानी को साफ कर सप्लाई किए जाने का सिस्टम है,लेकिन इसके बाद भी जिस कंपनी के पास अमृत योजना का ठेका है, वह नर्मदा जल को पूरी तरह साफ-स्वच्छ कर घरों में सप्लाई में लापरवाही बरत रही। लीकेज भी नहीं सुधरे हैं। जो एलम-फिटकरी, हाइपो क्लोराइड इंदौर-उज्जैन से मंगाया जा रहा, वह भी गुणवत्तापूर्ण नहीं है। इस कारण नर्मदा जल स्वास्थ्य के हिसाब से पूरी तरह शुद्ध नहीं पहुंच रहा। अधिकारी इस तरफ भी ध्यान नहीं दे रहे।
शहर के कई हिस्सों में नर्मदाजल पहुंचा नहीं
शहर के कई मुख्य हिस्सों में ठेका एजेंसी ने नर्मदा जल की पाइप लाइन बिछा दी। घरों में कनेक्शन भी जोड़ दिए, लेकिन नर्मदा जल की सप्लाई दो साल बाद भी नहीं पहुंच सकी है। शहर में नर्मदाजल के करीब 12 हजार विधिवत कनेक्शन हैं। जो सिस्टेमैटिक नहीं है। कई जगहों पर डबल कनेक्शन जोड़ दिए है। नपा की पुरानी पंप हाउस वाली लाइन से भी घरों में पानी दिया जा रहा। अभी भी नर्मदाजल के करीब 8 हजार कनेक्शन बाकी हैं, जिनसे घरों में नर्मदा पेयजल सप्लाई होना है।
शहर के कई मुख्य हिस्सों में ठेका एजेंसी ने नर्मदा जल की पाइप लाइन बिछा दी। घरों में कनेक्शन भी जोड़ दिए, लेकिन नर्मदा जल की सप्लाई दो साल बाद भी नहीं पहुंच सकी है। शहर में नर्मदाजल के करीब 12 हजार विधिवत कनेक्शन हैं। जो सिस्टेमैटिक नहीं है। कई जगहों पर डबल कनेक्शन जोड़ दिए है। नपा की पुरानी पंप हाउस वाली लाइन से भी घरों में पानी दिया जा रहा। अभी भी नर्मदाजल के करीब 8 हजार कनेक्शन बाकी हैं, जिनसे घरों में नर्मदा पेयजल सप्लाई होना है।
इल्लियां आने की शिकायत नहीं मिली
शहर में कहीं से भी अभी दूषित-मटमैला नर्मदा पेयजल सप्लाई की शिकायतें हमारे पास नहीं आई है। अमृत योजना की ठेका एजेंसी को स्वच्छ-शुद्ध पेयजल सप्लाई के निर्देश दे रखे हैं। हाउसिंग बोर्ड में जो नलों से इल्लियां आने की अब तक शिकायत नहीं पहुंची थी, अगर ऐसा है तो शनिवार को चैक कराकर सुधार करा दिया जाएगा।
शहर में कहीं से भी अभी दूषित-मटमैला नर्मदा पेयजल सप्लाई की शिकायतें हमारे पास नहीं आई है। अमृत योजना की ठेका एजेंसी को स्वच्छ-शुद्ध पेयजल सप्लाई के निर्देश दे रखे हैं। हाउसिंग बोर्ड में जो नलों से इल्लियां आने की अब तक शिकायत नहीं पहुंची थी, अगर ऐसा है तो शनिवार को चैक कराकर सुधार करा दिया जाएगा।
महेंद्र सिंह तोमर, प्रभारी पेयजल प्रकोष्ठ सब इंजीनियर, नपा नर्मदापुरम