वर्ष २०१०-११ में लगाए गए थे मीटर
बिजली कंपनी के सूत्रों के मुताबिक वर्ष २०१०-११ में नाकोड़ा कंपनी ने मीटर लगाए थे। वर्षों पुराने मीटरों के ऊपर लगे कवर धूप और धूल से धुंधले हो गए हैं। इसी वजह से फोटो रीडिंग में दिक्कतें आ रही है।
बिजली कंपनी होशंगाबाद और हरदा जिले में हर महीने १६ करोड़ ५० लाख यूनिट बिजली सप्लाई करती है। इसमें से ३५ प्रतिशत बिजली लाइन लॉस, चोरी, मीटरों में गड़बड़ी में खप जाती है।
२८ करोड़ से होगा मीटर बदलने का काम
बिजली के मीटरों को आईपीडीएस योजना के तहत बदला जाएगा। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि २८ करोड़ रुपए से होशंगाबाद और हरदा जिले में बिजली मीटर, ट्रांसफार्मर, केबल और खंभे लगाने का काम किया जाएगा। इस कार्य के लिए फिलहाल टेंडर प्रक्रिया चल रही है।
ऐसे समझें नफा-नुकसान का गणित
होशंगाबाद, हरदा, इटारसी और पिपरिया में ११०० मीटरों में गड़बड़ी मिली। हर महीने प्रत्येक मीटर पर ५० यूनिट की खपत में हेरफेर का अनुमान है। यानी कि ११०० मीटरों में प्रतिमाह ५५ हजार यूनिट का घालमेल। इतनी बिजली दो साल में ७९ लाख २० हजार रुपए की होती है।
पहले लग चुका तीन करोड़ का चूना
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि मीटर में खराबी की वजह से बिजली विभाग को चपत लगी हो। इससे पहले इटारसी में मीटरों की जांच की गई थी। इस जांच में ३५० मीटर के सीटी (करेंट ट्रांसफार्मर) खराब पाए गए थे। इससे कंपनी को एक साल में तीन करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
फोटो रीडिंग कराई गई तो पता चला ११०० ऐसे मीटर हैं, जिनकी रीडिंग नजर नहीं आ रही है। ऐसे सभी मीटरों को १५ लाख रुपए से बदलेंगे। इस तरह के मीटरों से करीब अस्सी लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है।
डीबी ठाकरे, महाप्रबंधक बिजली कंपनी, होशंगाबाद