होशंगाबाद

सरकारी अस्पताल में रिकार्डतोड़ हो रहीं ऑपरेशन से डिलेवरी

गाइड लाइन के हिसाब से होना चाहिए 18 प्रतिशत
 

होशंगाबादMar 20, 2019 / 11:56 am

amit sharma

madhya pradesh breaking news

अमित शर्मा, होशंगाबाद। अब तक माना जाता है कि निजी अस्पतालों में पैसे हड़पने की खातिर नार्मल की जगह ऑपरेशन से डिलेवरी ज्यादा की जाती हैं। लेकिन अब सरकारी अस्पताल भी उन्हें मात देने की स्थिति में पहुंचते नजर आ रहे हैं। होशंगाबाद-इटारसी के सरकारी अस्पताल में 42 प्रतिशत प्रसव ऑपरेशन से कराने का खुलासा होने के बाद इसकी जांच शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग भोपाल ने रिपोर्ट तलब की है। सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन से 18 प्रतिशत प्रसव कराए जा सकते हैं। अन्य प्रसव नार्मल होना चाहिए।
 

स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम बनाकर होशंगाबाद के जिला अस्पताल और इटारसी के सिविल अस्पताल में बढे़ मामलों की जांच के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद जेडी की टीम ने अस्पतालों मे बढ़े मामलों के एक-एक प्रकरणें के कारणों की खोजबीन शुरू कर दी है। इस संबंध में उपसंचालक डॉ.सुधीर जैसानी ने मेटरनिटी के पीजीएमओ से भी पूछताछ की है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार होशंगाबाद जिला अस्पताल में अप्रैल २०१८ से फरवरी २०१९ के बीच ४२.५३ प्रतिशत सीजेरियन प्रसव हुए हैं। जबकि इटारसी के सिविल अस्पताल में भी ४२.३२ प्रतिशत सीजेरियन प्रसव हुए हैं। जिले के निजी अस्पतालों में तो यह आंकड़ा ५४.९४ प्रतिशत है।
स्वास्थ्य विभाग करा रहा जांच
इस संबंध में सोमवार को जेडी डॉ. अमृतलाल मरावी, उपसंचालक डॉ.सुधीर जैसानी पूरे मामले को लेकर रिकार्ड खंगालने के लिए पहुंचे थे। सोमवार को स्त्री रोग विशेषज्ञों से एक टीम ने बढ़े हुए सीजेरियन के कारणों को लेकर लिखित रिपोर्ट विभाग से मांगी है। यह रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। इधर, सीएमएचओ कार्यालय द्वारा उन सभी अस्पतालों की जांच की जाएगी, जहां सीजेरियन अधिक हुए हैं।
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जिले में सीजेरियन की स्थिति
अप्रैल 2017 से 2018 तक के आंकड़े
अस्पताल – समान्य प्रसव – सीजेरियन
जिला अस्पताल होशंगाबाद – 1735 -695
जेएसआर इटारसी -741 -324
शासकीय अस्पताल पिपरिया -498 -045
निजी अस्पताल होशंगाबाद जिला -556 -418
अप्रैल २०१८ से फरवरी २०१९
जिला अस्पताल होशंगाबाद – ५४०६ -२२९९ ४२.५३ प्रतिशत
जेएसआर इटारसी – २३४३ -९९४ ४२.४२ प्रतिशत
शासकीय अस्पताल पिपरिया – १६८९ -१०६ ०६.२८ प्रतिशत
निजी अस्पताल होशंगाबाद जिला -३२२९ – १७७४ ५४.९४ प्रतिशत

 
इन कारणों से होते हैं सीजेरियन
– ब्लड प्रेशर बढऩे, महिलाओं की कूल्हे की हड्डी छोटी होने ,बच्चेदानी का मुंह नहीं खुल पाने, ज्यादा खून बहने, बच्चे की धड़कन कम होने या गले में गर्भनाल लिपटी होने, बच्चे का आड़ा या उल्टा होना, कमजोरी या खून का दौरा कम होने पर और बच्चे द्वारा पेट में ही मल, मूत्र छोड़ देने पर ऑपरेशन किया जाता है।
आसपास के क्षेत्रों से रैफर होकर आने वाली प्रसूताओं के कारण जिला अस्पताल में सीजेरियन की संख्या बढ़ी है। रायसेन, सीहोर, नरसिंगपुर और छिंदवाड़ा जिले की प्रसूताएं भी बड़ी संख्या में आती हैं। हमें सीजेरियन के कारणों को आईपीडी में साफ लिखने के निर्देश मिले हैं। जो जानकारी मांगी है, उसे तैयार कराया जा रहा है।
– डॉ. मलय जायसवाल, पीजीएमओ जिला अस्पताल होशंगाबाद
जिस तरह से होशंगाबाद में सीजेरियन के केस बढ़ रहे हैं, वो स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय हैं। बड़े सीेजेरियन के कारणों की रिपोर्ट मांगी है।

– डॉ. सुधीर जैसानी, उपसंचालक भोपाल
 

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