शासन की ओर से पैरवीकर्ता अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी कैलाश पटेल ने बताया कि बनखेड़ी में दिनांक 17 नवंबर 2016 की रात्रि 11 बजे जब विश्राम यादव अपने परिवार के साथ भोजन करके लेटा था, तभी गांव के सुनील ठाकुर, राकेश ठाकुर तथा हल्के ठाकुर हाथ में कुल्हाड़ी और लाठी लिए उसके घर में आए और आवाज देकर बाहर बुलाया। विश्राम यादव को घसीटते हुए घर के सामने बने माता के चबूतरे के पास ले गए और जादूटोने के शक में कुल्हाड़ी और लाठियों से हमला कर सिर तथा शरीर के अन्य हिस्सों पर घातक चोटें पहुंचाई। तभी मृतक की पुत्री भुरिया भाई बीच-बचाव करने आई तो आरोपी सुनील और राकेश ने उसका लाठी से सिर में मार कर घायल कर दिया। विश्राम की चोटों से मृत्यु हो जाने पर उसके हाथ पर रस्सी से बांधकर घसीटते हुए आरोपी उसके घर के सामने ढलान पर ले जाकर फेंक दिया और धमकी देते हुए वहां से भाग गए थे। उक्त घटना मृतक की पत्नी छोटी बाई और पड़ोसी महेश तथा सनकी ने देखी थी। पुत्री भुरियाबाई घटना की रिपोर्ट बनखेड़ी थाना में अगले दिन सुबह दर्ज कराई। आरोपी सुनील, राकेश और हल्के ठाकुर के खिलाफ धारा ३२३, ३02 का केस दर्ज कर थाना प्रभारी ने विवेचना उपरांत उक्त जघन्य व सनसनीखेज मामले में अभियोग पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। जिसमें प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जैन ने उक्त फैसला सुनाया।