नर्मदापुरम में उद्यानिकी के तहत बड़े रकबे में नींबू की पैदावार होती है। इस बार यह फसल गर्मी में लेट हो गई है। ऐसे में प्रदेश सहित दिल्ली-पंजाब में इसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है।
बीते वर्षों में इसे पंजाब-दिल्ली और बिहार तक भेजा था। बताया जाता है कि जिले के बगीचों-खेतों में अभी फसल ठीक है पानी गिरने की स्थिति में फसल बढ़ जाएगी। बता दें कि जिले में नींबू की फसल करीब 25 से 40 हजार हैक्टेयर में होती है और उत्पादित नींबू बड़े साइज व वजन के साथ काफी रस भरा होता है। इसलिए नर्मदापुरम के नींबू की खासी मांग रहती है। गर्मी में नींबू की मांग ज्यादा होने व आपूर्ति कम होने से फुटकर में 400 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। नर्मदापुरम जिले की नींबू फसल के मंडी-बाजार में नहीं पहुंचने से व्यापारी महाराष्ट्र से नींबू की खैप बुला रहे हैं। खपत के हिसाब से नींबू की आवक कम है।
फसल पिट गई है...
जिले में नींबू की पैदावार अच्छी होती थी। इस बार के गर्मी सीजन में फसल पिट गई है। एक माह बाद ही मंडी-बाजार में आएगी। अभी महाराष्ट्र से थोक में नींबू बुलाकर फुटकर विक्रेताओं को सप्लाई किया जा रहा है, लेकिन मांग के हिसाब से आवक नहीं हो पा रही है।
गूडन, थोक नींबू व्यापारी, सब्जी-फल मंडी नर्मदापुरम
जिले की मुख्य सब्जी-फल मंडी में नींबू की आवक माखननगर, सेमरी, मढ़ावन, आंचलखेड़ा, सुआखेड़ी, निमसाड़िया, मनवाड़ा, तालनगरी, खोकसर, बरंडुआ, सहेली सुखतवा, मटकुली सहित शाहगंज क्षेत्र के बगीचों-खेतों से होती है। यहां बड़े बगीचे हैं। इस बार के गर्मी के सीजन में फसल तैयार नहीं हो सकी। इस वजह से न तो थोक मंडी में आ पा रही है न ही बाजार में फुटकर में नींबू मिल पा रहा है। किसानों के अनुसार इन क्षेत्रों में बीते सालों में इस सीजन में अच्छी पैदावार निकली थी। फसल के लेट व पिटने से किसानों के साथ ही व्यापारियों को भी आर्थिक समस्या से जूझना पड़ रहा है।