पं. मिश्रा ने कथा को विस्तार देते हुए कहा कि श्रीशिव महापुराण कोहिनूर हीरा से कम नहीं है। बस इसको जो पहचान-जान समझ गया और श्रीशिवाय मंत्र के मूल तत्व को समझ गया वह एक लोटा जल के अर्पण को भी समझ जाएगा कि इससे क्या लाभ मिलता है। देवाधिदेव महादेव पर एक चावल का दाना , एक बिल्व पत्र चढ़ाने से से क्या से क्या मिल जाता है। जरूरत सिर्फ हमें ये है कि हम भगवान को कैसे रिझा सकते हैं। पं. मिश्रा ने सत्संग की मूल्यता को एक चमकदार पत्थर यानी कोहिनूर हीरे की कथा से समझाया।
कथा में पं. मिश्रा ने पीडि़तों के पत्र पढ़कर उन्हें मिली राहत व लाभ के वृतांत सुनए। जिसमें पायल पटवा पिपरिया ने लिखा था-टीवी पर कथा सुनती थी। बहन को सोराइसस की बीमारी थी। ठीक नहीं हो रही थी। सभी दूर दूर के डॉक्टर को दिखाया। फुलेरा दूज का धतूरा उपाय किया तो रोग अब ठीक हो रहा है। संध्या व्यास गुजरात ने बताया कि दो पशुपति व्रत किए जिसके बाद उसके बड़ै भैया की नौकरी लग गई। ज्योति खंडेलवाल सतना ने कहा- पशुपति व्रत किया था, बेटा पहले इंटरव्यू में ही पास हो गया। ज्वाइनिंग लैटर प्राप्त हो गया और उसकी नौकरी लग गई। अमन मिश्रा ने बताया उसकी छोटी बहन मानसिक रूप से असंतुलित है। डॉक्टरों को दिखाया, दवाइयां खिलाई कोई लाभ नहीं हुआ। जबसे बिल्व पत्र के सेवन कराया तब से सुधार आ रहा है।
शिव भजनों पर झूमे भक्त
पं. मिश्रा ने कथा के बीच-बीच में सुमधुर संगीतमय शिव भजन भी सुनाए। जिसमें तेरे दरबार की बाबा निराली शान देखी है, तुझे देते नहीं देखा पर झोली भरी देखी है। शंभू शरण में पड़़ी मांगू घड़ी रे घड़ी दुख काटो दया करी मैं दर्शन आई पर श्रोता जमकर झूमे।
पं. मिश्रा ने बताया कि भगवान शिव पर एक लोटा जल चढ़ाने से तीन प्रकार के दोष से मुक्ति मिलती है। पितृदोष, वास्तुदोष एवं कालसर्पयोग से निवारण होता है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने पांडाल में कथा सुनने आए कुंवारे युवकों को खड़े करवाकर और दोनों हाथ उठवाकर अपने विवाह में दहेज न लेने का संकल्प दिलाया। उन्होंने सीख दी कि भिखारी मत बनो। किसी से आस मत रखो अगर आस रखना ही है तो सिर्फ देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर से रखो। सबकी झोली भर देगा।
कथा में सांसद राव उदय प्रताप सिंह, पिपरिया के पूर्व विधायक हरिशंकर जायसवाल पहुंचे और महाराजश्री से आशीर्वाद लिया। यह भी पढ़ें : प्रदेश के इन जिलों में गर्मी का कहर, लू और बीमारी से बचने ये करें उपाय