यह भी जरूरी
इनके अलावा आईसीयू में ईसीजी, एबीजी, सोनोग्राफी, पोर्टेबल एक्स-रे और इमरजेंसी दवाएं भी होनी चाहिए। यह कुछ अस्पतालों में मौजूद होती हैं व कुछ में नहीं। एसएमएस अस्पताल में ये सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
इनके अलावा आईसीयू में ईसीजी, एबीजी, सोनोग्राफी, पोर्टेबल एक्स-रे और इमरजेंसी दवाएं भी होनी चाहिए। यह कुछ अस्पतालों में मौजूद होती हैं व कुछ में नहीं। एसएमएस अस्पताल में ये सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
पत्रिका की पड़ताल में पता चला यह होगा हमारे आइसीयू में
वेंटीलेटर : मरीज को एक एंडोट्रेकियल ट्यूब की मदद से सांस लेने में मदद करती है।
इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राफी : यह ईईजी मशीन दिमाग की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज को रिकॉर्ड करती है।
डायलिसिस मशीन : किडनी के मरीजों का इसकी मदद से रक्त शुद्ध करने के बाद वापस शरीर में डालते हंै।
सेंट्रल लाइन : यह डायलिसिस, दवा देने या खून निकालने के लिए गर्दन के पास लगाने वाली यूनिट है।
पल्स ऑक्सीमीटर : रोगी के खून में ऑक्सीजन को मापा जाता है।
ईईजी बॉक्स/इलेक्ट्रोड्स: मस्तिष्क में चल रही गतिविधियों को रिकार्ड किया जाता है।
बेडसाइड मॉनिटर : इसकी मदद से हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, ईसीजी व वाइटल संकेतों पर नजर रखी जाती है।
इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प : सभी आईसीयू में यह सबसे पहले उपयोग में लाई जाने वाली मशीन है।
फीडिंग ट्यूब व पम्प : इसका उपयोग पेट में जमा खाने को बाहर निकालने में भी किया जाता है।
कम्प्रेशन स्टॉकिनेट्स : रोगी के अक्षम होने पर यह मशीन पैरों की मांसपेशियों को दबाती है।
वेंटीलेटर : मरीज को एक एंडोट्रेकियल ट्यूब की मदद से सांस लेने में मदद करती है।
इलेक्ट्रोइनसिफैलोग्राफी : यह ईईजी मशीन दिमाग की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज को रिकॉर्ड करती है।
डायलिसिस मशीन : किडनी के मरीजों का इसकी मदद से रक्त शुद्ध करने के बाद वापस शरीर में डालते हंै।
सेंट्रल लाइन : यह डायलिसिस, दवा देने या खून निकालने के लिए गर्दन के पास लगाने वाली यूनिट है।
पल्स ऑक्सीमीटर : रोगी के खून में ऑक्सीजन को मापा जाता है।
ईईजी बॉक्स/इलेक्ट्रोड्स: मस्तिष्क में चल रही गतिविधियों को रिकार्ड किया जाता है।
बेडसाइड मॉनिटर : इसकी मदद से हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, ईसीजी व वाइटल संकेतों पर नजर रखी जाती है।
इंट्रावीनस इंफ्यूजन पम्प : सभी आईसीयू में यह सबसे पहले उपयोग में लाई जाने वाली मशीन है।
फीडिंग ट्यूब व पम्प : इसका उपयोग पेट में जमा खाने को बाहर निकालने में भी किया जाता है।
कम्प्रेशन स्टॉकिनेट्स : रोगी के अक्षम होने पर यह मशीन पैरों की मांसपेशियों को दबाती है।