पंडितजी के ये भजन हो रहे लोकप्रिय
पंडित प्रदीप मिश्रा के शिवमहापुराण कथा के बीच-बीच में गाए हुए ऐसे कई भजन हैं जो लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। जैसे मजा आ रहा जीने में महादेव धड़क रहे सीने में, मुझे कौन पूछता था तेरी बंदगी से पहले, फूलों से मंदिर सजाऊंगी -भोला तुमको मनाऊंगी, तुम आना भोले बाबा मेरे मकान में, लूट के ले गया दिल जिगर मेरा भोलाशंकर, अब दया करो भोलेनाथ मस्त रहूं तेरी मस्ती में, दिल तुझको दिया ओ भोलेनाथ, ओ काशी वाले अब तो आ जा तेरी याद सताए सहित अन्य कई भजन गीत लोगों सुनते एवं गुनगुनाते रहते हैं।
ये है बायोग्राफी....
पंडितजी का नाम प्रदीप मिश्रा है। इनका जन्म वर्ष 1980 में हुआ। इनकी आयु अभी करीब 42 वर्ष है। जन्म सीहोर मप्र में हुआ। परिवार में माता-पिता, दो भाई, पत्नी और बच्चे हैं। इनके पिता का नाम रामेश्वर दयाल मिश्रा है। इनका पेशा अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक है। इनके दो भाई दीपक मिश्रा एवं विनय मिश्रा हैं। पं. प्रदीप मिश्रा को लोग सीहोर वाले महाराज के नाम से जानते हैं। पंडित मिश्रा ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने जन्मस्थान सीहोर से प्राप्त किया है और उसके बाद इन्होंने स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। इसके अलावा इन्होंने हिंदू धर्म शास्त्रों का गहन अध्ययन किया है। पंडित मिश्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत ही कथावाचक के रूप में की। जिसके बाद उनकी प्रसिद्धि इतनी हो गई कि आज की तारीख में यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों-करोड़ों की संख्या में उनके प्रशंसक, श्रोता और भक्त बन चुके हैं। उनकी कथा का लाइव प्रसारण आस्था चैनल पर भी प्रसारित होता है। पंडित मिश्रा भक्ति भजन गीत भी गाते हैं और उनके भजनों को सुनकर भक्त पूरी तरह से भगवान के भक्ति में रम जाते हैं।
प्रवचन से समाज को दिखा रहे सही राह
पं. मिश्रा सनातन धर्म और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए प्रेरक प्रवचन देते हैं। देवाधिदेव महादेव का गुणगान कर विभिन्न रोचक प्रसंगों से सभी का मन मोह लेते हैं। प्रवचन में धर्मनिष्ठ जीवन जीने की राह भी दिखाते हैं। धर्म से जुड़े अहम पहलुओं पर अपना विचार भी रखते हैं, जिसे लोग अपने जीवन में अपना लेते हैं तो आप हमेशा खुश और प्रसन्न रहते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा के शिवमहापुराण कथा के बीच-बीच में गाए हुए ऐसे कई भजन हैं जो लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। जैसे मजा आ रहा जीने में महादेव धड़क रहे सीने में, मुझे कौन पूछता था तेरी बंदगी से पहले, फूलों से मंदिर सजाऊंगी -भोला तुमको मनाऊंगी, तुम आना भोले बाबा मेरे मकान में, लूट के ले गया दिल जिगर मेरा भोलाशंकर, अब दया करो भोलेनाथ मस्त रहूं तेरी मस्ती में, दिल तुझको दिया ओ भोलेनाथ, ओ काशी वाले अब तो आ जा तेरी याद सताए सहित अन्य कई भजन गीत लोगों सुनते एवं गुनगुनाते रहते हैं।
ये है बायोग्राफी....
पंडितजी का नाम प्रदीप मिश्रा है। इनका जन्म वर्ष 1980 में हुआ। इनकी आयु अभी करीब 42 वर्ष है। जन्म सीहोर मप्र में हुआ। परिवार में माता-पिता, दो भाई, पत्नी और बच्चे हैं। इनके पिता का नाम रामेश्वर दयाल मिश्रा है। इनका पेशा अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक है। इनके दो भाई दीपक मिश्रा एवं विनय मिश्रा हैं। पं. प्रदीप मिश्रा को लोग सीहोर वाले महाराज के नाम से जानते हैं। पंडित मिश्रा ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने जन्मस्थान सीहोर से प्राप्त किया है और उसके बाद इन्होंने स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। इसके अलावा इन्होंने हिंदू धर्म शास्त्रों का गहन अध्ययन किया है। पंडित मिश्रा ने अपने कैरियर की शुरुआत ही कथावाचक के रूप में की। जिसके बाद उनकी प्रसिद्धि इतनी हो गई कि आज की तारीख में यूट्यूब और फेसबुक पर लाखों-करोड़ों की संख्या में उनके प्रशंसक, श्रोता और भक्त बन चुके हैं। उनकी कथा का लाइव प्रसारण आस्था चैनल पर भी प्रसारित होता है। पंडित मिश्रा भक्ति भजन गीत भी गाते हैं और उनके भजनों को सुनकर भक्त पूरी तरह से भगवान के भक्ति में रम जाते हैं।
प्रवचन से समाज को दिखा रहे सही राह
पं. मिश्रा सनातन धर्म और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए प्रेरक प्रवचन देते हैं। देवाधिदेव महादेव का गुणगान कर विभिन्न रोचक प्रसंगों से सभी का मन मोह लेते हैं। प्रवचन में धर्मनिष्ठ जीवन जीने की राह भी दिखाते हैं। धर्म से जुड़े अहम पहलुओं पर अपना विचार भी रखते हैं, जिसे लोग अपने जीवन में अपना लेते हैं तो आप हमेशा खुश और प्रसन्न रहते हैं।
उपायों बताकर करते हैं समस्या का निदान
पं. मिश्रा के टोटके और उपाय भी खासी लोकप्रिय व उपयोगी रहते हैं। वह हमेशा अपने प्रवचन में भगवान महादेव, भोलेनाथ के शिवलिंग पर एक लोटा गंगा-नर्मदा जल एवं एक बैलपत्र चढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। असाध्य से असाध्य रोग, कष्ट और दुखों के निवारण के लिए शिवजी पर चढ़ाई गई बिल्वपत्र को सेवन करने की सलाह भी देते हैं। जब लोगों के कष्ट-दुखों और बीमारियों का निवारण हो जाता है तो लोग उन्हें पत्र लिखकर भेजते हैं। पं. मिश्रा कथा एवं भजनों के बीच में इन पत्रों का वाचन करते हैं।
पं. मिश्रा ने कथा में बताए ये उपाय
कर्ज की मुक्ति के लिए: आपके ऊपर अधिक कर्ज है तो पं. प्रदीप मिश्रा कहते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको वट वृक्ष की पूजा अर्चना करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपके ऊपर जो भी कर्ज और परेशानियां है उसका निवारण हो जाएगा। इसके लिए आपको वटकेश्वर महादेव स्मरण करना होगा। इस प्रकार की प्रक्रिया आपको प्रत्येक सोमवार को करनी होगी। इसके अलावा आपको बट पेड़ के जड़ों को अपने पास रखना होगा। ऐसा करने से आपको कर्ज़ से संबंधित समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
कर्ज कब लेना चाहिए और कब नहीं
महाराज प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को मंगलवार को कभी भी कर्ज नहीं लेना चाहिए क्योंकि ऐसा करना अमंगल माना जाता है। पं. मिश्रा के अनुसार बुधवार के दिन व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति को कर्ज नहीं देना चाहिए। अगर ऐसा करते हैं तो आपका पैसा डूब जाएगा और आप जो पैसे उधार के तौर पर दे रहे हैं, वह आपको कभी भी वापस नहीं मिलेंगे।
पं. मिश्रा के टोटके और उपाय भी खासी लोकप्रिय व उपयोगी रहते हैं। वह हमेशा अपने प्रवचन में भगवान महादेव, भोलेनाथ के शिवलिंग पर एक लोटा गंगा-नर्मदा जल एवं एक बैलपत्र चढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। असाध्य से असाध्य रोग, कष्ट और दुखों के निवारण के लिए शिवजी पर चढ़ाई गई बिल्वपत्र को सेवन करने की सलाह भी देते हैं। जब लोगों के कष्ट-दुखों और बीमारियों का निवारण हो जाता है तो लोग उन्हें पत्र लिखकर भेजते हैं। पं. मिश्रा कथा एवं भजनों के बीच में इन पत्रों का वाचन करते हैं।
पं. मिश्रा ने कथा में बताए ये उपाय
कर्ज की मुक्ति के लिए: आपके ऊपर अधिक कर्ज है तो पं. प्रदीप मिश्रा कहते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको वट वृक्ष की पूजा अर्चना करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से आपके ऊपर जो भी कर्ज और परेशानियां है उसका निवारण हो जाएगा। इसके लिए आपको वटकेश्वर महादेव स्मरण करना होगा। इस प्रकार की प्रक्रिया आपको प्रत्येक सोमवार को करनी होगी। इसके अलावा आपको बट पेड़ के जड़ों को अपने पास रखना होगा। ऐसा करने से आपको कर्ज़ से संबंधित समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
कर्ज कब लेना चाहिए और कब नहीं
महाराज प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को मंगलवार को कभी भी कर्ज नहीं लेना चाहिए क्योंकि ऐसा करना अमंगल माना जाता है। पं. मिश्रा के अनुसार बुधवार के दिन व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति को कर्ज नहीं देना चाहिए। अगर ऐसा करते हैं तो आपका पैसा डूब जाएगा और आप जो पैसे उधार के तौर पर दे रहे हैं, वह आपको कभी भी वापस नहीं मिलेंगे।