राकेश मालवीया/ नर्मदापुरम. इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों के आने के बाद से दुकानों पर परंपरागत तराजू कम दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कई दुकानों पर खासकर सड़क किनारे, सब्जी मंडी या फिर रेहड़ी लगाने वाले आज भी तौल के लिए पत्थर या अन्य सामग्री का उपयोग बांट के रूप में कर रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को पूरे पैसे देकर पूरा सामान मिलने पर संशय बना रहता है। शहर समेत जिले में दुकानों पर इस्तेमाल हो रहे तराजू और तौलकांटों की जांच पर नाप-तौल विभाग का ध्यान नहीं है। हालांकि हाल में ही नापतौल विभाग ने सिवनी मालवा में चार और इटारसी में तीन केस बनाए थे। गली-मोहल्लों के साथ सब्जी मंडियों में फुटकर व्यापारी कर रहे पत्थर के बांट का उपयोग दाम वसूली पूरी, लेकिन सामान दिया कम एक फल ठेले वाले से आधा किलो अंगूर खरीदे। उसने पत्थर के बांट से अंगूर तौल दिए। 30 रुपए देकर अंगूर ले लिए। जब इसे इलेक्ट्रिक तौल कांटे वाले के यहां तुलवाया तो 75 ग्राम अंगूर कम निकले। सब्जी मंडी में एक दुकानदार से आधा किलो गिलकी खरीदी। उसने तराजू में पत्थर रखकर गिलकी तौल दी। 20 रुपए लेकर गिलकी दे दी। जब इसे इलेक्ट्रिक कांटे पर तुलवाया तो 100 ग्राम गिलकी कम निकली। छह माह की सजा और जुर्माना हो सकता है बिना रजिस्ट्रेशन इलेक्ट्रानिक कांटा में सामान तौलकर बेचना जुर्म है और सजा के दायरे में आता है। यदि कोई दुकानदार अवैध रूप से बेचते पाए जाने पर छह माह की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना अथवा दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। यदि कोई बिना सत्यापन, सील प्लेट व टीन नंबर के तौल कांटे का इस्तेमाल करने वाले दुकानदार पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।सब्जी मंडी में पत्थर को बांट बनाकर तोलता हुआ दुकानदार। समय-समय पर जांच की जाती है। यह कार्रवाई हमारी सालभर चलती है। सब्जी मंडियों सहित बाजार के व्यापारियों के तौल कांटों की जांच की जाएगी। -सलिल ल्यूक, निरीक्षक, नापतौल विभाग, नर्मदापुरम
राकेश मालवीया/ नर्मदापुरम. इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों के आने के बाद से दुकानों पर परंपरागत तराजू कम दिखाई दे रहे हैं, लेकिन कई दुकानों पर खासकर सड़क किनारे, सब्जी मंडी या फिर रेहड़ी लगाने वाले आज भी तौल के लिए पत्थर या अन्य सामग्री का उपयोग बांट के रूप में कर रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को पूरे पैसे देकर पूरा सामान मिलने पर संशय बना रहता है। शहर समेत जिले में दुकानों पर इस्तेमाल हो रहे तराजू और तौलकांटों की जांच पर नाप-तौल विभाग का ध्यान नहीं है। हालांकि हाल में ही नापतौल विभाग ने सिवनी मालवा में चार और इटारसी में तीन केस बनाए थे। गली-मोहल्लों के साथ सब्जी मंडियों में फुटकर व्यापारी कर रहे पत्थर के बांट का उपयोग दाम वसूली पूरी, लेकिन सामान दिया कम एक फल ठेले वाले से आधा किलो अंगूर खरीदे। उसने पत्थर के बांट से अंगूर तौल दिए। 30 रुपए देकर अंगूर ले लिए। जब इसे इलेक्ट्रिक तौल कांटे वाले के यहां तुलवाया तो 75 ग्राम अंगूर कम निकले। सब्जी मंडी में एक दुकानदार से आधा किलो गिलकी खरीदी। उसने तराजू में पत्थर रखकर गिलकी तौल दी। 20 रुपए लेकर गिलकी दे दी। जब इसे इलेक्ट्रिक कांटे पर तुलवाया तो 100 ग्राम गिलकी कम निकली। छह माह की सजा और जुर्माना हो सकता है बिना रजिस्ट्रेशन इलेक्ट्रानिक कांटा में सामान तौलकर बेचना जुर्म है और सजा के दायरे में आता है। यदि कोई दुकानदार अवैध रूप से बेचते पाए जाने पर छह माह की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना अथवा दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। यदि कोई बिना सत्यापन, सील प्लेट व टीन नंबर के तौल कांटे का इस्तेमाल करने वाले दुकानदार पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।सब्जी मंडी में पत्थर को बांट बनाकर तोलता हुआ दुकानदार। समय-समय पर जांच की जाती है। यह कार्रवाई हमारी सालभर चलती है। सब्जी मंडियों सहित बाजार के व्यापारियों के तौल कांटों की जांच की जाएगी। -सलिल ल्यूक, निरीक्षक, नापतौल विभाग, नर्मदापुरम