scriptशिवराज ने नर्मदा को प्रणाम कर प्रार्थना की मैया सबकी रक्षा करे, कृपा बरसाए | Shivraj saluted and prayed that Narmada Maya protect everyone | Patrika News

शिवराज ने नर्मदा को प्रणाम कर प्रार्थना की मैया सबकी रक्षा करे, कृपा बरसाए

locationनर्मदापुरमPublished: Aug 17, 2022 12:02:12 pm

Submitted by:

devendra awadhiya

-तवा-बारना बांध के गेट बंद हुए, नर्मदापुरम जिले से टला बाढ़ का संकट, सीएम ने दिए थे निर्देश बांधों के पानी निकासी ऐसी हो ताकि भीषण बाढ़ की स्थिति न बने

शिवराज ने नर्मदा को प्रणाम कर प्रार्थना की मैया सबकी रक्षा करे, कृपा बरसाए

शिवराज ने नर्मदा को प्रणाम कर प्रार्थना की मैया सबकी रक्षा करे, कृपा बरसाए

नर्मदापुरम. पचमढ़ी में सोमवार बीती रात सपत्नीक यात्रा पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान को दूसरे ही दिन मंगलवार को बीच में रही सैर छोड़कर दोपहर में नर्मदापुरम आना पड़ा। सेठानीघाट पर मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मां नर्मदा को प्रणाम कर उनसे यही प्रार्थना की है कि बाढ़ से रक्षा करे और कृपा बरसाए। सवालों के जबाव में उन्होंने कहा-नर्मदा के कैचमेंट भारी बारिश होने के कारण सभी बांध लबालब है। बरगी, बारना तवा कोलार इन सब से पानी छोड़ा जा रहा है। नीचे भी इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर बांध के गेट भी खुले हुए हैं। मैं अपनी टीम के साथ विचार किया है कि बारिश-बाढ़ प्रभावित नर्मदापुरम सहित सभी 17 जिलों में बांधों का पानी इस ढंग से रिलीज हो कि एक साथ सब बांधों का पानी नर्मदा नदी में न आने पाए और बीते सालों जैसे बड़ी बाढ़़ की स्थिति न बन सके। बरगी के गेट खुले हुए हैं, लेकिन कोशिश कर रहे हैं कि जब तक बरगी का पानी आए तब तक तवा के गेट बंद कर दें। बरगी-तवा-बारना बांध का पानी एक साथ मिलकर भयानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर देता है। इसलिए बारना से पानी छोडऩा कम कर दिया है। बारना को भी जब तक बरगी का पानी आज रात तक यहां आएगा, तब तक तवा-बारना के गेट बंद कर यथासंभव हम बड़ी बाढ़ की स्थिति नहीं बनने देंगे। मौसम विभाग ने आगामी चौबीस घंटों में भारी संभावनाएं जताई है इसलिए सभी तरह की सावधानियां आवश्यक है। इसलिए कई जगह राहत केंद्र की व्यवस्था कर रहे हैं। यहां नर्मदापुरम में भी आठ राहत केंद्र तैयार रख रहे हैं। यहां बस्तियों से लोगों को ले जाने की जरुरत न पड़े ऐसी कोशिश की जा रही है। अगर ऐसी परिस्थिति बनती भी है जैसे सीहोर जिले में बनी है, कोई भी गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से न घिरे। इसके पहले ही डूब प्रभावित लोगों को ऊंचे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। यह भी कोशिश है कि अचानक देर रात में बाढ़ के हालात न हो ताकि जिंदगी को संकट एवं खतरा पैदा न हो। डिजास्टर मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बेगमगंज में गिरे ब्रिज के बारे में उन्होंने कोई जबाव नहीं दिया। बता दें कि बुधवार सुबह तवा और बारना बांध के गेट बंद कर दिए गए हैं। फिलहाल बाढ़ की स्थिति से जिला बाहर आ चुका है।

नदी-बांध जल स्तर
नर्मदा सेठानीघाट : 960.00 फीट (खतरे के निशान से नीचे)
तवा बांध : 1159.80 फीट (गेट बंद)
बरगी बांध : 422.25 मीटर (13 गेट खुले रहे)
बारना बांध : 347.34 मीटर (गेट बंद)

कार से उतरे सीएम पूछा क्या नर्मदा खतरे के निशान पर है…
नर्मदापुरम. पचमढ़ी से लौटकर सीएम शिवराज सिंह चौहान मंगलवार दोपहर में कार से सेठानीघाट पर स्थानीय विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के साथ पहुंचे। मौजूदा अधिकारियों से पूछा क्या नर्मदा खतरे के निशान पर है। उन्हें बताया गया कि खतरे के निशान 964 फीट से भी अधिकतम जल स्तर 967 के करीब 966 फीट के ऊपर चल रही है। फिर किनारे पर पहुंचकर नर्मदा के तेज बहाव व जलस्तर के निशान को देखते हुए कमिश्नर-कलेक्टर पूछा बारना डैम की क्या खबर है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जल स्तर 348.55 मीटर पर चल रहा और 4 गेट दो मीटर ऊंचाई पर खुले हुए हैं, जिसमें से 36 हजार 600 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एरिकेशन अधिकारियों से समन्वय बनाकर बांधों के जल स्तर को इस तरह मैनेज करें कि भीषण बाढ़ की स्थिति न बनने पाए। सीएम ने कलेक्टर से नर्मदापुरम की निचली बस्तियों एवं तटीय इलाकों में बैक वॉटर घुसने के बारे में जानकारी भी ली। आवश्यकतानुसार राहत कैंप शुरू करने और यहां भोजन, पेयजल, सफाई, दवाई के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

17 जिलों के कलेक्टरों से की बाढ़ के हालातों की समीक्षा
मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदापुरम कलेक्टे्रट के एनआईसी कक्ष में बारिश-बाढ़ प्रभावित करीब 17 जिलों के कलेक्टरों से वर्चुअल मुखातिब होकर वर्तमान हालातों की समीक्षा कर जानकारियां ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 19 से 23 अगस्त तक पुन: अधिक वर्षा की संभावना है। इसलिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर सर्वोच्च प्राथमिकता से पहुंचाएं। आपदा प्रबंधन में जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें। वर्षा, बांधों के पानी छोडऩे, बाढ़ की स्थिति के संबंध में निरंतर सोशल मीडिया पर जानकारी पहुंचाएं। बांधों, तालाबों और जल संरचनाओं का प्रतिदिन कराएं निरीक्षण कराएं। चौहान ने नर्मदापुरम सहित विदिशा, सीहोर, बालाघाट,रायसेन, भोपाल, राजगढ़, नरसिंहपुर के अधिकारियों से उनके जिले की जानकारी प्राप्त की।

जनता की जिंदगी की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री चौहान ने जानकारी दी कि प्रदेश में भारी वर्षा के कारण जो परिस्थितियां निर्मित हो गई थीं, उन्हें बेहतर प्रबंधन के आधार पर नियंत्रित कर लिया गया है। जनता की जिन्दगी की सुरक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें सजग हैं तथा स्थिति पर नियंत्रण रखे हुए हैं। वचुअल मीटिंग में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा मंत्रालय भोपाल से एवं नर्मदापुरम से विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, विजयपाल सिंह, ठाकुरदास नागवंशी, कमिश्नर माल सिंह, आईजी दीपिका सूरी, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी गुरुकरन सिंह, जिपं सीई मनोज सरियाम, नपाध्यक्ष नीतू यादव बैठक में शामिल हुईं।
ये हैं जिले के हालात..
नर्मदापुरम जिले में बाढ़ के हालात बने हुए थे। दिनभर नर्मदा सेठानीघाट पर सतर्कता बतौर सायरन बजता रहा। घाट के किनारे लोगों की आवाजाही को वैरीकेट्स लगाकर रोक दिया गया था। बता दें कि बीते 48 घंटों से नर्मदांचल में हो रही पहाड़ी बारिश के चलते तीनों बांध तवा, बरगी-बारना के गेट एक के बाद एक खोलने पड़ गए। जिसके कारण नर्मदांचल में बाढ़ के हालत पैदा हुए। शहर के महिमा नगर, डोंगरवाड़ा, बरंडुआ सहित निचली बस्तियों में नर्मदा का बैक वॉटर इन इलाकों में भराने लगा था। नेशनल-स्टेट सहित मुख्य मार्गों पर पानी आने के कारण कई जगहों से छोटे नीचे पुल-पुलिया के बंद होने के कारण आवागमन भी बाधित हुआ। जिले में बारिश कोटा अपने तय मात्रा से भी दो गुना पहुंच चुका है। नर्मदापुरम, बारना जिला रायसेन सहित इससे जुड़े इलाकों में बारिश-बाढ़ से लोग परेशान रहे। डोलरिया हतेढ़ नदी के पुल का एक हिस्सा छतिग्रस्त हो गया है लगातार हो रही तेज बारिश के कारण पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण प्रशासन ने भारी वाहनों पर रोक लगा दी गई थी।

प्रशासन ने किया अलर्ट
जिला प्रशासन ने निचली बस्तियों, नर्मदा-तवा सहित अन्य नदियों के तटीय इलाकों के रहवासियों को अलर्ट किया हुआ है। होमगार्ड, एसडीआएफ के जवान तैना है। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में बारिश-बाढ़ को लेकर बचाव एवं राहत कार्य शुरू करा दिए गए हैं। फिलहाल बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है।
बाढ़ सुरक्षा समिति के साथ ही पांच-पांच होमगार्ड बल के 15 डिस्ट्रिक्ट रिस्पॉन्स टीम भी तैनात है। रिस्पॉन्स टीम भी संबंधित थानों में आवश्यक सुरक्षा सामग्री के साथ मौजूद है।

घाट सहित निचले इलाकों का लिया जायजा
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह और एसपी डॉ. गुरकरन सिंह सेठानी घाट तिलक भवन पर नर्मदा के बढ़ते जल स्तर का जायजा लेते रहे। साथ ही भोपाल में राज्य स्तरीय सिचुएशन रूम से संपर्क बनाए हुए थे।

इन जगहों पर डिस्ट्रिक्ट रिस्पॉन्स टीम तैनात
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 15 डिस्ट्रिक्ट रिस्पॉन्स टीम तैनात है। प्रत्येक टीम में पांच-पांच होमगार्ड के सैनिक शामिल हैं। यह टीम उमरधा, सांडिया , सोहागपुर, माखननगर तवानगर, बांद्राभान, सेठानी घाट, पाहनवरी, आंवली घाट, डोलरिया पापनगांव, महिमानगर क्षेत्र में तैनात हैं। इसके अतिरिक्त तहसील पिपरिया ,सोहागपुर ,माखननगर, नर्मदापुरम और सिवनी मालवा में बाढ़ सुरक्षा समिति भी बनाई गई है। तहसीलदारों को प्रभारी नियुक्त किया है।

यहां बनाए गए हैं राहत शिविर
राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही सभी तहसीलों में राहत पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं, जहां राशन एवं चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई है। नर्मदापुरम में नर्मदा महाविद्यालय, एसएनजी स्कूल , साधुवानी ग्वालटोली , शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय , एसपीएम, मालाखेड़ी प्राथमिक शाला, नालंदा स्कूल , साहू समाज धर्मशाला आदि राहत पुनर्वास केंद्र बनाए गए हैं।

ये मार्ग एवं आवागमन हुआ बाधित
मालाखेड़ी से फोरलेन बांद्राभान जाने वाला रोड पुल पर पानी आने से बंद रहा। इटारसी बीती शाम से शहर व ग्रामीण अंचलों में हो रही तेज बारिश से नदी नाले उफान पर चल रहे हैं। नेशनल हाइवे-स्टेट हाइवे रात में बंद हो गया था। बारिश होने से जमानी विद्युत सब स्टेशन में पानी भरा गया। हथेड़ नदी के पुल का पिल्लर क्षतिग्रस्त हुआ है। नर्मदापुरम-हरदा मुख्य मार्ग भी कुछ देर के लिए बंद हो गया था।

हथेड़ नदी डोलरिया में बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ
डोलरिया/सिवनी मालवा
नर्मदापुरम और हरदा जिले को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर डोलरिया की हथेड़ नदी पर पांच पिल्लरों का पुल अतिवृष्टि व तीव्र बहाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। मंगलवार को नदी की बाढ़ उतरने पर यह दिखाई दिया। खबर लगते ही प्रशासन-पुलिस ने पुल के दोनों और बैरिकेटस लगाकर भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया। डोलरिया नायब तहसीलदार महिमा मिश्रा ने पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद एमपीआरडीसी के अधिकारियों को बुलाया। स्थानीय प्रशासन की स्थल पर तैनातकर पुल के दोनों और बैरिकेट्स लगाकर सिर्फ दो पहिया वाहन और पैदल आवागमन को जारी रखा गया है। भारी वाहनों पर रोक लगा दी गई है। हरदा से नर्मदापुरम जाने वाले बड़े वाहनों को नर्मदापुरम से इटारसी होते हुए हरदा जाना पड़ रहा। कुछ वाहन नर्मदापुरम से बुदनी होते हुए आवली घाट से भी गुजर रहे हैं। डोलरिया थाना प्रभारी उमाशंकर यादव ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि डोलरिया के हथेड़ नदी पर बने ब्रिज पर आवागमन प्रतिबंधित किया गया है। ब्रिज के दोनों और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जिससे कि कोई बड़ा वाहन ब्रिज पर से ना निकले। भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनिल बुंदेला ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपकर नया पुल स्वीकृत करने की मांग की है।

पत्नी साधना के जन्मदिन पर पचमढ़ी पहुंचे थे शिवराज
नर्मदापुरम. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सोमवार देर रात में पत्नी साधना सिंह के जन्मदिन के मौके पर निजी यात्रा पर सपरिवार पचमढ़ी पहुंचे थे। उनके साथ साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय एवं कुणाल साथ थे। परिवार ने रविशंकर भवन में रात्रि विश्राम किया। उनके एक-दो दिन रुकने की संभावना थी, लेकिन जिले में बाढ़ के स्थिति बनने के कारण वह बिना रूके नर्मदापुरम आए। बाढ़ के हालातों का जायजा लेने के बाद भोपाल चले गए। बता दें कि पचमढ़ी पहुंचने से पहले सीएम के परिवार ने शोभापुर के पास एक ढाबे पर रात में सीएम ने डिनर किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो