गुरु के साथ कपट और मित्र से चोरी करने वाला व्यक्ति होता है दरिद्र
भागवत कथा का समापन, भंडारा आज फोटो 2001 एनएसपी 1. कथा वाचन करती साधवी पार्वती देवी, 2. उपस्थित ग्रामीण व श्रद्धालु।
नरसिंहपुर। उमरिया चिनकी गांव में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास साध्वी पार्वती देवी ने कहा कि गुरु के साथ कपट और मित्र से चोरी करने वाला व्यक्ति दरिद्र होता है। बताया कि आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान सुदामा ने मित्र कृष्ण की नजर बचाकर गुरु के दिए चने अकेले ही खा लिए, जिस कारण वह दरिद्र हुए। सुदामा ने जब पत्नी को कृष्ण की दोस्ती के बारे में बताया तो उन्होंने जीवन निर्वाह के लिए कृष्ण से धन लाने को कहा, द्वारकापुरी में भगवान कृष्ण ने आंसुओं से उनके पैर धो डाले और अलौकिक वरदान देकर घर भेजा। कथा में 7 दिन की कथा का सार बताया। उन्होंने कहा कथा सुनकर जीवन में प्रसन्नता आ जाए यही परमात्मा रूपी श्रीमद्भागवत का प्रसाद है। बड़े टावर के पास आयोजित कथा स्थल पर आज 21 जनवरी को भंडारा का आयोजन किया जाएगा। राजपूत परिवार व ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं से भंडारे में शामिल होने की अपेक्षा की है।