मामला करेली के उत्कृष्ट विद्यालय से जुड़ा है जिसे 18 से 44 वर्ष आयु के लोगों के लिए टीकाकरण केंद्र बनाया गया था। बताया जा रहा है कि बुधवार को 300 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था। टीका लगाने के लिए केंद्र पर अच्छी खासी भीड़ थी। विभाग का दावा है कि 300 लोगों को टीका लगाया गया। लेकिन इसी दौरान इसी टीकाकरण केंद्र से वैक्सीन के चार वॉयल (एक वॉयल में 10 डोज) अचानक गायब हो गए। हालांकि केंद्र पर मौजूद सभी लोगों को टीका लगाया गया। लेकिन इन गायब वॉयल का कुछ भी पता नहीं चल सका। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल से केंद्र तक 300 डोज ले जाए गए थे, फिर चार वॉयल (40 डोज) कहां गायब हो गए यह अभी तक रहस्य बना है।
इस मामले में सीबीएमओ डॉ. विनय ठाकुर स्वीकार करते हैं कि 4 वाएल गायब हुए हैं। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। ड्यूटी पर मौजूद एएनएम से पूछताछ की जा रही है। 40 लोगों का टीकाकरण नए 4 वाएल स्टॉक से निकालकर किया गया है तब जाकर टीकाकरण की गिनती पूरी हुई।
सीबीएमओ के पास इसका जवाब नहीं कि जब ड्यूटी पर एएनएम के अलावा भी अन्य स्टाफ मौजूद था सिर्फ एएनएम से ही पूछताछ क्यों? केंद्र पर मौजूद लोगो की मानें तो बुधवार को इस टीकाकरण केंद्र पर काफी भीड़ थी, इसके चलते देह की दूरी के गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो सका, जबकि केंद्र पर एएनएम के अलावा अन्य स्टॉफ भी मौजूद रहा। अब इस केंद्र पर बुधवार को तैनात अन्य स्टॉफ को अगले दिन दूसरे केंद्र पर भेज दिया गया।
ऐसे में सवाल ये कि वैक्सीन के चार वॉयल गायब होने संबंधी पूछताछ केवल एएनएम से ही क्यों, मौके पर मौजूद अन्य स्टॉफ को इससे बरी कैसे किया जा सकता है। इस मामले में अब उच्चाधिकारियों पर अन्य स्टॉफ को बचाने की कोशिश का आरोप भी लगने लगा है।