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दो साल में लिए 473 सेम्पल सिर्फ 24 हुए फेल

locationनरसिंहपुरPublished: Aug 08, 2019 02:20:01 pm

Submitted by:

ajay khare

खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की सेम्पलिंग की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

Seized goods kept in the bathroom due to fear of mice, documents lying in the gallery, staff and department facing shortage of space

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नरसिंहपुर। शासन के निर्देश पर प्रशासन खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलावटखोरी को रोकने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है। अभी तक २६ प्रतिष्ठानों पर सेम्पलिंग की कार्रवाई की गई है पर दूसरी ओर खाद्य एवं सुरक्षा विभाग जिले में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर जिस तरह सेम्पलिंग कर रहा है उससे विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। पिछले दो साल में सेम्पलिंग की कार्रवाई देखें तो अभी तक ४७३ सेम्पल लिए गए जिनमें से महज २४ फेल हुए। अर्थात सेम्पलों की जांच के बाद खाद्य सामग्री में मिलावट या वह दूषित पाई गई। इन आंकड़ों से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग सेम्पलिंग के नाम पर कतिपय व्यापारियों के साथ मिलकर किस तरह का खेल खेल रहा है।
विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत वर्ष 20१८ में ३६१ सेम्पल किए गए जबकि २०१९ में अभी तक ११२ सेम्पल लिए गए। २०१८ में लिए गए सेम्पल में १० फेल हुए जबकि इस वर्ष लिए गए सेम्पल में से १४ फेल हुए हैं। शासन के निर्देश पर सेम्पलिंग की कार्रवाई में काफी तेजी आई है। जुलाई माह में प्रशासन ने २६ सेम्पल लिए हैं जिनमे से सभी जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
वर्ष २०१८ में जिले में विभिन्न प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थोंं के जो सेम्पल लिए गए थे वे ज्यादातर दूध और दूध से बने खाद्य या पेय पदार्थों के थे। जिसमें मिठाइयां, आइसक्रीम और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं । खाद्य सुरक्षा अधिकारी सोनू तिवारी ने १३८ , सारिका दुबे ने ११७ और अमित गुप्ता ने १०६ सेम्पल लिए। लैब में जांच के बाद जो परिणाम सामने आए उससे तो यही साबित होता है कि यहां दूध और दूध से बने खाद्य एवं पेय पदार्थों में मिलावट न के बराबर है या फिर सेम्पलिंग में खेल हो रहा है।
इस साल अभी तक ११२ सेम्पल
इस वर्ष अभी तक कुल ११२ सेम्पल लिए गए हैं । शासन के निर्देश के बाद की गई ताबड़तोड़ जांच एवं सेम्पलिंग की कार्रवाई में जुलाई माह में २६ स्थानों पर सेम्पलिंग की गई। जिसमें ११ जगहों से दूध के सेम्पल लिए गए हैं। ये सभी सेम्पल जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं। इनमें से एक भी सेम्पल की जांच रिपोर्ट अभी तक प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है।
्रजुलाई में किया २.६० लाख का जुर्माना
सेम्पल की जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ने जो प्रकरण एडीएम कोर्ट में पेश किए उनमें जुलाई माह में कोर्ट ने संबंधित मामलों में २ लाख ६० हजार रुपए का जुर्माना किया है। सूत्रों की मानें तो विभाग के अमले और कतिपय व्यापारियों की मिलीभगत से सेम्पलिंग का जो खेल चल रहा है उसमें व्यापारी पहले से जांच के लिए तैयार किए गए शुद्ध माल का सेम्पल जांच के लिए थमा देता है जो सेम्पलिंग के बाद जांच में पास हो जाता है। जिला मुख्यालय पर कई व्यापारियों के साल भर में १० से १२ बार तक सेम्पल लिए गए और विभाग से उन्हें क्लीन चिट मिलती रही। शासन की सख्ती के बाद ऐसे व्यापारी भी अब प्रशासन की नजर में हैं।
वर्जन
कई संस्थानों पर टीम ने जाकर जांच की है, कुछ जगहों पर सामग्री नष्ट भी कराई है। लिए गए सेम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं उनकी रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
दीपक सक्सेना कलेक्टर
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