इस वर्ष अभी तक कुल ११२ सेम्पल लिए गए हैं । शासन के निर्देश के बाद की गई ताबड़तोड़ जांच एवं सेम्पलिंग की कार्रवाई में जुलाई माह में २६ स्थानों पर सेम्पलिंग की गई। जिसमें ११ जगहों से दूध के सेम्पल लिए गए हैं। ये सभी सेम्पल जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं। इनमें से एक भी सेम्पल की जांच रिपोर्ट अभी तक प्रशासन को प्राप्त नहीं हुई है।
सेम्पल की जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ने जो प्रकरण एडीएम कोर्ट में पेश किए उनमें जुलाई माह में कोर्ट ने संबंधित मामलों में २ लाख ६० हजार रुपए का जुर्माना किया है। सूत्रों की मानें तो विभाग के अमले और कतिपय व्यापारियों की मिलीभगत से सेम्पलिंग का जो खेल चल रहा है उसमें व्यापारी पहले से जांच के लिए तैयार किए गए शुद्ध माल का सेम्पल जांच के लिए थमा देता है जो सेम्पलिंग के बाद जांच में पास हो जाता है। जिला मुख्यालय पर कई व्यापारियों के साल भर में १० से १२ बार तक सेम्पल लिए गए और विभाग से उन्हें क्लीन चिट मिलती रही। शासन की सख्ती के बाद ऐसे व्यापारी भी अब प्रशासन की नजर में हैं।
कई संस्थानों पर टीम ने जाकर जांच की है, कुछ जगहों पर सामग्री नष्ट भी कराई है। लिए गए सेम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं उनकी रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
दीपक सक्सेना कलेक्टर