ये है मामला
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी राकेश रोशन मीडिया सेल प्रभारी ने बताया है कि अभियोजन के अनुसार 23 अगस्त 2016 को फरियादी सतेन्द्र जाट द्वारा थाना करेली में रिपोर्ट की गई थी कि वह 22 अगस्त को सुबह करीब 10 बजे अपनी पत्नी को लेने ग्राम रेवानगर आया था। शाम करीब 4 बजे वह, अपनी पत्नी, गजेन्द्र एवं सास द्रोपती घर पर थे, तभी आरोपीगण कमलेश जाट, राजेश जाट, आशीष जाट, अभिषेक जाट, अंशुल जाट, अतुल जाट, अजीत जाट, अनीश जाट, रामसिंह जाट एवं मंजूबाई जाट यह कहते हुये घर के सामने आये कि आज मनोज और गजेन्द्र को जान से खत्म करना है, और मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां देकर मनोज एवं गजेन्द्र को धमकी दी। तभी द्रोपतीबाई घर के बाहर निकली और बोली कि मनोज घर पर नहीं है, करेली बाजार गया है, तब सभी आरोपीगण गांव की नदी के घाट करेली तरफ जाने लगे। द्रोपतीबाई जाट, सोनम जाट एवं गजेन्द्र आरोपीगण के पीछे-पीछे नदी के घाट पर पहुंचे जहां मनोज करेली तरफ से मोटरसायकिल से आते हुये दिखा, जिसे आरोपीगण ने मां-बहन की गालियां दी और एक राय होकर लाठी एवं लोहे की रॉड से मार-पीट करने लगे जिससे वह वहीं पर गिर गया। उन्होंने बीच-बचाव किया तो सभी आरोपीगण गजेन्द्र को भी मां-बहन की गंदी-गंदी गालियां देकर लाठी एवं लोहे की रॉड से मार-पीट करने लगे, जिससे मनोज एवं गजेन्द्र के सिर, दोनों हाथ-पैर एवं सीने में गंभीर चोटें आकर खून निकलने लगा एवं द्रोपतीबाई के दाहिने हाथ के पंजे में चोट आयी। गजेन्द्र एवं मनोज बेहोश हो गये। मार-पीट एवं झगड़ा के पश्चात् आरोपीगण भाग गये थे। किसी ने 100 नंबर को फोन करके घटना की सूचना दी थी। वह घर के ट्रैक्टर से मनोज, गजेन्द्र एवं द्रोपतीबाई को शासकीय अस्पताल करेली लेकर आ रहा था, तभी रास्ते में 100 नंबर का वाहन मिला जिसमें मनोज जाट को लेकर शासकीय अस्पताल करेली पहुंचाया गया, जहां डाक्टर ने बताया कि मनोज जाट मर चुका है। गजेन्द्र जाट एवं द्रोपतीबाई का प्राथमिक उपचार कर उन्हें शासकीय अस्पताल नरसिंहपुर रेफर किया गया, जहां से डाक्टर ने गजेन्द्र जाट को जबलपुर रेफर कर दिया। गजेन्द्र जाट को अमोल जाट एवं कमल जाट के साथ जबलपुर रवाना किया। अमोल जाट ने उसे फोन कर बताया कि गजेन्द्र को झगड़े के दौरान मार-पीट में आयी चोट के कारण जबलपुर ले जाते समय रास्ते में शहपुरा के पास उसकी मृत्यु हो गई है। उक्त प्रकरण थाना करेली में पंजीबद्ध कर विवेचना की गई, और अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिला अभियोजन कार्यालय नरसिंहपुर में पदस्थ अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार भटेले ने प्रकरण की पैरवी की।
पाक्सो एक्ट में दस साल की सजा
नरसिंहपुर. द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश किरण सिंह ने शासन विरुद्ध प्रेमनारायण मामले में आरोपी को दोषसिद्ध करते हुये दस साल की सजा से दंडित किया है। प्रकरण की पैरवी प्रदीप कुमार भटेले ने की।