नरसिंहपुरPublished: Jun 26, 2019 05:50:39 pm
ajay khare
मुनियों की चरणरज से पवित्र हुई नगर की भूमि
Prvachan dete maharaj
गाडरवारा। जैन समाज के संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागरजी महाराज का 31 मुनि महाराजों के संग बुधवार प्रात:काल सात बजे मंगल प्रवेश हुआ। इस अवसर पर शक्कर नदी पुल पर उनकी अगवानी बैंड-बाजों के साथ बड़ी संख्या में जैन समाज एवं अन्य लोगों ने की। इद्य मौके पर सकल जैन समाज के लोगों ने उन्हे श्रीफल भेंटकर आशीष प्राप्त किया। यहां से वह बाजे गाजे के साथ आमगांव तिराहा के समीप स्थित मुनि सुब्रतनाथ जैन मंदिर पहुंचे। यहां आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन समाज के लोगों द्वारा किया गया। इसमें शैलेंद्र जैन, सिद्धार्थ जैन, भागचंद-शीलचंद जैन क ो मुनिराज के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य मिला। मुनिराज ने प्रात:काल 9:30 बजे आहारचर्या जिनेश जैन के मंडी के सामने स्थित भवन में की, वहीं साथ में आए अन्य संतों ने नगर के विभिन्न जैन बंधुओं के घर आहारचार्य की। तदोपरांत दोपहर तीन बजे से प्रवचनों का आयोजन रखा गया। अपने प्रवचनों में विद्यासागर जी ने कहा कि लक्ष्य पर पहुंचने के लिए हमेशा सीधे रास्ते पर चलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आचार्य विद्यासागरजी महाराज का करीब 28 वर्ष बाद दोबारा गाडरवारा आगमन हुआ, इसके पूर्व वह सन् 1991 में गाडरवारा आए थे। आचार्य श्री के आगमन को लेकर जैन समाज एवं नगर के लोगों में काफी उत्साह रहा। इस दौरान मंदिर में आचार्य श्री के दर्शन करने लोगों का तांता लगा। विद्यासागरजी के नगरागमन को लेकर दूर दूर के शहरों एवं केरल आदि अन्य प्रदेशों के लोग भी पहुंचे। शाम को चार बजे के बाद वह जैन मंदिर से पिपरिया की ओर रवाना हुए। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने मुनिसंघ को परंपरा के अनुसार विदाई दी।