नरसिंहपुर

फिर लगा कोरोना संक्रमितों के आंकड़े छिपाने का आरोप

एप और हेल्थ बुलेटिन तथा सार्वजनिक किए जा रहे आंकड़ों में अंतर से पनप रहा असंतोष

नरसिंहपुरOct 10, 2020 / 03:40 pm

Ajay Chaturvedi

कोरोना वायरस सेंपल

नरसिंहपुर. कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों को लेकर रह-रह कर सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार यह कहा जा रहा है कि शासन-प्रशासन संक्रमितों के सही आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रहा है। दरअसल यह सवाल आरोग्य सेतु एप, जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के वो आंकड़े जो शासन को भेजे जा रहे हैं तथा स्थानीय स्तर पर जो आंकड़े सार्वजनिक किए जा रहे हैं उनमें भेद के चलते खड़ा हो रहा है। ऐसे में प्रशासन पर आरोप लग रहा है कि वह स्थानीय स्तर पर सही आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रहा। क्षेत्र में सोशल मीडिया पर इस तरह के सवाल रोजाना खड़े किए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले एक सप्ताह में जिला स्तर पर केवल 98 संक्रमित मरीजों के आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं, जबकि आरोग्य सेतु एप और जिला प्रशासन का हेल्थ बुलेटिन में दर्ज संख्या इससे अधिक (240 मरीज) है। ऐसे में सवाल तो बनता है।
बता दें कि जिले में पिछले महीने ही संक्रमित मरीजों के डेटा संग्रहण के लिए जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम की स्थापना की गई। ऑनलाइन डेटा संग्रहण की इस प्रणाली में अधिकारियों का दावा था कि जिले में आइसीएमआर, एंटिजेन, आरएटी, आरटीपीसीआर से मिलने वाले पॉजिटिव सैंपल की रियल टाइम फीडिंग हो सकेगी। लोगों को जल्द पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में कितने कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग भी आसानी से मरीजों को होम आइसोलेट कर सकेगा अथवा गंभीर रोगियों को कोविड केयर सेंटर पहुंचा सकेगा। लेकिन यह व्यवस्था एक पखवारे भी नहीं चल सकी।
डेटा संग्रहण केंद्र से जिले के लोगों को प्रायः नेगेटिव आने वाली रिपोर्ट की जानकारी दी जा रही है। हाल ये है कि 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच कोरोना संक्रमितों के बाबत डेटा केंद्र ने महज 40 फीसद की ही रिपोर्ट उजागर की है। डेटा केंद्र डिटेल जानकारी शेयर नहीं कर रहा। मसलन कहां कितने लोग संक्रमित हुए, कितनों की मौत हुई ये सब नहीं बताया जा रहा है। वहीं आरोग्य सेतु एप व हेल्थ बुलेटिन के अनुसार बीते 8 दिन में 5 संक्रमितों की कोरोना के चलते जान जा चुकी है। यह जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई।
रिपोर्ट उजागर न करने के खतरे

कोरोना संक्रमितों की क्षेत्रवार जानकारी सार्वजनिक न होने के चलते किसी को ये पता ही नहीं चल पा रहा है कि किस इलाके में कोरोना संक्रमण तेज है, कौन कोरोना संक्रमित है और कौन नहीं। ऐसे में आशंका ये भी व्यक्त की जा रही है कि बिना लक्षण वाले मरीज या संदिग्ध मरीज जहां-तहां आराम से घूम रहे हैं। अब तो क्वारंटीन या होम आइसोलेशन वालों का भी पता नहीं चल रहा है। जिनसे आम स्वस्थ लोगों के बीच संक्रमण का खतरा है।
जिले में आरएटी, आरटीपीसीआर, एंटिजेन व आइसीएमआर के जरिए रोजाना आने वाली रिपोर्ट भी लक्ष्य की तुलना में आधे से कम है। जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. पीसी आनंद के अनुसार उक्त चारों विधियों से जिलेभर में 500 सैंपल लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी ब्लॉकों में नियमित रूप से टेस्ट हो रहे हैं। वहीं प्राप्त होने वाली रिपोर्टों की बात करें तो इसकी संख्या औसतन 250 ही है। पिछले 8 दिन में सिर्फ 4 व 5 अक्टूबर की तिथियां ऐसी थीं, जब प्राप्त होने वाली रिपोर्टों की संख्या 300 के पार थी। तय है कि तय लक्ष्य के अनुरूप कोरोना के सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। इस बीच गाडरवारा के सिविल अस्पताल में स्थापित ट्रूनॉट मशीन की किट न होने व अधिक खर्चे के कारण इसे बंद कर दिया गया है।
छह कोरोना मरीज मिलेः शुक्रवार देर रात जिला प्रशासन ने छह नए कोरोना मरीजों की पुष्टि की है। इस तरह कुल संक्रमितों की संख्या 2751 हो गई है।

कोट

“रोजाना लक्ष्य के अनुरूप कोरोना संक्रमितों की जिलेभर में जांच कर रहे हैं। जहां तक बात संक्रमित मरीजों की क्षेत्रवार संख्या उजागर करने की है तो मैं दिखवाता हूं कि आखिर कोविड कमांड सेंटर से डेटा क्यों नहीं रिलीज कर रहा है।”-डॉ. पीसी आनंद, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, नरसिंहपुर।
“गाडरवारा में रोजाना 30 से 40 लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इसमें जो संक्रमित मरीज मिलते हैं, उनके घर जाकर कोविड-19 का पोस्टर लगवाकर सख्ती से आइसोलेशन की गाइडलाइन का पालन करवाया जा रहा हैं। जहां तक डेटा सार्वजनिक करने का सवाल है तो इसे हम कोविड कमांड सेंटर को दे देते हैं।”-डॉ. राकेश बोहरे, सीबीएसमओ, सिविल अस्पताल, गाडरवारा

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