माफिया के कब्जे में जिले के सभी रेत घाट, नदी की धार से निकाल रहे रेत
नरसिंहपुरPublished: Oct 22, 2020 08:31:02 pm
पत्रिका अभियान-रेत खनन के लिए प्रतिबंधित नर्मदा के रेत घाटों से लेकर अन्य सभी नदियों के रेत घाट खनिज माफिया के कब्जे में हैं और खनिज विभाग गहरी नींद में है।
narsinghpur illegal mining of sand
नरसिंहपुर. रेत खनन के लिए प्रतिबंधित नर्मदा के रेत घाटों से लेकर अन्य सभी नदियों के रेत घाट खनिज माफिया के कब्जे में हैं और खनिज विभाग गहरी नींद में है। हालात यह हैं कि नर्मदा नदी की धार से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। रातीकरार गांव के पास शगुन व कुड़ी और बरमान के धरमपुरी घाट से बेरोकटोक रेत निकाली जा रही है। अधिकारी जांच करेंगे की बात कह कर मामले को टाल रहे हैं। नर्मदा नदी में किए जा रहे रेत खनन की तस्वीरों को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासन व जिला खनिज अधिकारी तक पहुंचाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सिया ने लगाया है प्रतिबंध
स्टेट लेवल एंवायरमेंट इंपेक्ट एनॉयलिसिस अथॉरिटी यानी सिया ने नर्मदा के घाटों व तटों पर मशीनों से खनन पर प्रतिबंध लगाया है। वर्ष 2018 में नर्मदा नदी के मुर्गाखेड़ा व हीरापुर को छोड़कर शेष सभी घाटों से खनन पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद इन घाटों पर अवैध खनन लगातार जारी है।
नावों से की जा रही रेत की तस्करी
रेत माफिया नदी की बीच धार में से रेत निकाल कर नावों के माध्यम से रेत का नदी से परिवहन करने में लगे हैं। जिससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ रहा है। नदी के जीव जंतुओं और जैव विविधता पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार ढाई सौ रुपये प्रति खेप के हिसाब से नाविकों से रेत निकलवाई जा रही है। एक नाविक ने बताया कि एक बार की खेप में करीब एक ट्रॉली रेत यानी 2 क्यूबिक रेत भरकर लाते हैं। एक घाट पर नदी के बीच से दिनभर में 12 खेप लाते हैं। प्रत्येक घाट पर चार नाव रेत निकाल कर लाती हैं। शगुन व कुड़ी घाट में हर दिन करीब 5 लाख रुपये की रेत की चोरी की जा रही है। ४० से 50 ट्रैक्टर ट्रॉलियां दो से तीन चक्कर रेत का परिवहन करती हैं। एक ट्रॉली रेत की बाजार में कीमत 4500 रुपये है। बरमान कला ग्राम पंचायत के अंतर्गत धरमपुरी और रामघाट में भी रेत माफिया द्वारा रात दिन रेत का अवैध खनन व भंडारण किया जा रहा है। यहां से बड़ी संख्या में डंपर, हाइवा और ट्रैक्टर ट्रॉलियों के माध्यम से रेत की निकासी की जा रही है।