नरसिंहपुरPublished: Jun 05, 2019 11:02:22 pm
abishankar nagaich
बदहाली का शिकार है नरसिंहपुर का ऐतिहासिक ब्रांच स्कूल, अंग्रेजों ने वर्ष 1884 में बनवाया था
school in aeroplane
नरसिंहपुर. क्या आप कल्पना कर सकते है कि जिले में एक ऐसा स्कूल है जो हवाई जहाज रुपी इमारत में लगता है और वो भी आज नहीं सैंकड़ों साल पहले सन् 1884 से। जी हां मध्य प्रदेश के शिक्षा जगत के इतिहास में यह स्कूल ऐतिहासिक माना जाता है। अंग्रेजों ने 1884 में नरसिंहपुर नगर के बीचों बीच इस स्कूल की नींव रखी थी। इसे एंग्लो वर्नाकुलर मिडिल स्कूल नाम दिया गया। आजादी के बाद 1950 में इसका नामकरण ब्रांच स्कूल के रूप में किया गया। उस वक्त विद्यालय के लिए भव्य भवन बनाया गया था। इसका निर्माण हवाई जहाज के आकार में किया गया था जिसका प्रवेश द्वार जहाज के अग्र भाग का बोध कराता है तो दोनों ओर के कक्ष डैनों का। शुरुआत में इस स्कूल में अंग्रेजों और एंग्लो इंडियंस के बच्चों को प्रवेश दिया जाता था। बाद में क्षेत्र के रसूखदार व प्रतिष्ठित परिवारों के बच्चों को दाखिला दिया जाने लगा। एक समय था, जब इस स्कूल में दाखिला पाना बड़ी बात होती थी। खास बात यह है कि अंग्रेजों के जमाने में भी इस स्कूल में हिंदी ही पढ़ायी जाती रही। करीब सवा सौ साल बाद इसमें इंग्लिश मीडियम की शुरुआत की। स्कूल में आज भी कक्षाएं संचालित हो रही हैं। फिलहाल इसमें गरीब वर्ग के करीब 150 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिन्हें पढ़ाने के लिए 6 महिला शिक्षक पदस्थ हैं। रखरखाव के अभाव में यह बुजुर्ग शिक्षा सदन कमजोर हो चला है। 10 कक्ष और दहलान वाले इस स्कूल की खपरैल चादर को मरम्मत की जरूरत है। सौ साल से भी ज्यादा पुराना लकड़ी का ढांचा समय और मौसम की मार से टूटने लगा है। खपरैल को सहारा देने के लिए लगाई गईं बल्लियां खराब हो चुकी हैं। कई स्थानों पर कवेलू टूट चुके हैं और दीवारों का पलस्तर भी साथ छोड़ चुका है। बहरहाल अंग्रेजों की विरासत के रूप में इस स्कूल को सहेजे जाने की आवश्यकता है।