फोन के बाद बिगड़ती गई हालत- इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के अलावा मृतका त्रिवेणी शर्मा के भाई महेश ने भी एसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि उसकी बहन को कई महीने से वेतन नहीं दिया गया था। दूसरी ओर विभागीय अधिकारी उसे लगातार प्रताडि़त कर रहे थे। जिसकी वजह से वह काफी मानसिक तनाव में थी और उसने खाना पीना छोड़ दिया था। 24 दिसंबर को उसे फोन पर कहा गया कि तुम्हारी सेवा समाप्त की जा रही है और तुम साईंखेड़ा कार्यालय में आकर अपना सेवा समाप्ति का पत्र ले जाओ। यह फोन सुनने के बाद वह नर्वस हो गई और उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और सदमे की वजह से उसकी मौत हो गई। मृतका के भाई महेश ने बताया कि उसे इलाज के लिए तुरंत सार्इंखेड़ा लाया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि किसी सदमे और लगातार घबराहट के कारण उसकी यह हालत हो गई है। डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल भेजा जहां कुछ देर बाद डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मौत हो गई है।
कोरे कागजों पर कराए हस्ताक्षर-मृतिका के भाई महेश ने शिकायत में बताया है कि 25 दिसंबर को त्रिवेणी की मौत के अगले ही दिन 26 दिसंबर को सुपरवाइजर विभाग के २ लोगों के साथ सुबह ७ बजे उसके घर पहुंच गए और उन्हें कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया। महेश ने बताया कि उसे कहा गया कि त्रिवेणी की मौत के मुआवजे के रूप में विभाग से कुछ राशि मिलेगी व कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा लिए। एसपी से की शिकायत में महेश ने कहा कि कोरे कागज पर हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया जा सकता है। उसने उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
पति की १० साल पहले हो चुकी मौत
मतका त्रिवेणी शर्मा के पति की करीब १० साल पहले मौत हो चुकी है। उसकी कोई संतान नहीं थी। वह विभाग में करीब १५ साल से काम कर रही थी और उसके साथियों के अनुसार उसके कामकाज को लेकर पहले कभी कोई विभागीय कार्रवाई या शिकायत दर्ज नहीं की गई।
इनका कहना है
त्रिवेणी शर्मा की मौत महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी और सुपरवाइजर की प्रताडऩा से हुई है। हमने एसपी को ज्ञापन सौंपकर दोनों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
शकुन राजपूत, अध्यक्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता त्रिवेणी शर्मा की मौत को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ और मृतिका के भाई ने शिकायत की है। मामले की जांच साईंखेड़ा थाना के टीआई को सौंपी गई है।
डॉ.मोनिका शुक्ला, एसपी