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सरकार बदलते ही घटी अनाज की आवक

locationनरसिंहपुरPublished: Dec 12, 2018 07:08:33 pm

Submitted by:

ajay khare

कहीं किसानों को रेट बढऩे या बोनस की तो नहीं है आस
घूरपुर में ग्रामीणों ने दो टूक कहा अब नहीं उठाने देंगे अवैध रेत

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गाडरवारा। सरकार बदलने की आहट के बीच 11 दिसंबर से ही मंडी में किसानों द्वारा कम उपज लाई जा रही है। जहां मंगलवार को नाममात्र के गेहूं की आवक हुई। वहीं बुधवार को भी सीमित मात्रा में गेहू, चने एवं धान की आवक हुई। इस दौरान गेहूं की बोली 1845 से 1855 रुपए, चना 3600 से 4200 रुपए प्रति क्विंटल रही। इसके अलावा बीते दिनों की तुलना में बेहद कम लगभग 10- 15 ट्राली करीब 250 क्विंटल धान की आवक हुई। जिसमें धान पी वन 2645 रुपए, धान 1121 के दाम 3165 एवं क्रांति धान के रेट 1650 के आसपास बताए गए। व्यापारियों एवं मंडी सूत्रों के मुताबिक इसे किसानों द्वारा नई सरकार के गठन के बाद नई योजनाओं एवं किसान हित में बोनस या रेट बढऩे को लेकर भी देखा जा रहा है। बहरहाल असली कारण जो भी हो लेकिन अचानक मंडी में माल की आवक एकाएक घटने को लेकर सभी सोच विचार में हैं।
घूरपुर में ग्रामीणों ने दो टूक कहा अब नहीं उठाने देंगे अवैध रेत
सालीचौका। क्षेत्र में चुनाव परिणाम के अगले दिन से ग्रामीणों की मानसिकता में भी बदलाव देखने को मिला। दूसरे शब्दों में कांग्रेस के शपथ ग्रहण के पहले ही गाडरवारा विधानसभा की ग्रामीण जनता जागरूक होती दिखी। आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए आम लोग मैदान में आने लगे। विधानसभा के ग्राम घूरपुर में लंबे समय से अवैध रेत खनन का कारोबार चरम पर फल फूल रहा था। लेकिन क्षेत्र में कांग्रेस की उम्मीदवार सुनीता पटेल के जीतने के बाद आम जनता में एक नई ऊर्जा दिख रही है। बुधवार सुबह से ही ग्राम घूरपुर के ग्रामीणों ने अवैध रेत के ट्रैक्टरों पर रोक लगा दी और सभी रेत माफिया को से दो टूक शब्दों में कह दिया कि अब बहुत हुआ अब सीतारेवा नदी को और नहीं लूटने देंगे। अवैध रेत उत्खनन अब नहीं करने दिया जाएगा। साथ ही गांव से होकर रेत के ट्रेक्टरों को नहीं आने जाने देंगे। यदि रेत खनन करना है तो अलग से रास्ता बनाओ। क्योंकि गांव के लोगों को इनसे धूल, उडऩे, शोर एवं दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। गौरतलब रहे कि घूरपुर में रेत खदान स्वीकृत है लेकिन बताया जाता है कि स्वीकृत खदान के अलावा भी जहां तहां से रेत खोद कर ट्रेक्टरों से ढोई जा रही है। देखने वाली बात रहेगी कि क्या आने वाले दिनों में क्षेत्र से अवैध रेत उत्खनन एवं अवैध शराब, जुआं, सटटा जैसी कुप्रथाओं पर रोक लग पाती है या नहीं, क्या ये वक्त है बदलाव का अथवा सब कुछ बदस्तूर वैसा ही चलता रहेगा।
इस बारे में सरपंच प्रतिनिधि वीरेंद्र कौरव का कहना है कि ग्रामवासियों ने रेत के ट्रेक्टर रोक कर अवैध रेत खनन न करने देने, रेत के ट्रेक्टरों हेतु अलग रास्ता बनाने को कहा है।

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