जानकारी के मुताबिक थाना चीचली को रात करीब 3 बजे यह जानकारी मिली थी कि सेंट्रल बैंक के एटीएम से छेड़छाड़ की जा रही है । जिस पर डायल 100 में गस्त में लगे आरक्षक सुरेश को मौके पर रवाना किया गया और थाना प्रभारी राजेंद्र बागरी भी मौके पर पहुंचे । मौके पर पुलिस ने देखा कि सेंट्रल बैंक के बाजू से एटीएम की शटर का ताला टूटा पड़ा है और एटीएम के मशीन का आउटडोर टूटा हुआ है। जिसका एक पल्ला खुला है और अंदर का लॉक सुरक्षित है। तुरंत बैंक मैनेजर को मौके से सूचित कर बुलाया गया। बैंक मैनेजर विनोद रोहिदास पिता भगवान रोहिदास की रिपोर्ट पर थाना चीचली में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया गया।
पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फे्रंस में घटना का खलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने थाना पुलिस को सक्रिय किया गया। सबसे पहले घटनास्थल व बैंक के सीसीटीवी फुटेज देखे गए। उनकी घटिया क्वालिटी होने की वजह से कोई सुराग नहीं मिल सका । विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि घटना के समय थाना चीचली की डायल १०० गाड़ी में गस्त में ड्यूटी कर रहे आरक्षक सुरेश सूचना मिलने से कुछ देर पहले घटनास्थल के पास से गुजरे थे जहां उन्होंने एक मोटरसाइकिल खड़ी देखी थी । सुरेश ने उस मोटरसाइकिल का नंबर नोट कर लिया था। जिसका नंबर एमपी २० एमएम 392२ था जो घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर पर खड़ी थी। आरक्षक सुरेश ने मोटरसाइकिल के आस पास जाकर देखा तो कोई नजर नहीं आया जिस पर सुरेश ने यह समझा कि शायद कोई व्यक्ति अपने खेत गया होगा और मोटरसाइकिल यहां खड़ी कर गया होगा। एटीएम से छेड़छाड़ की सूचना के बाद आरक्षक सुरेश जब उस जगह से गुजरा तो वहां मोटरसाइकिल नहीं थी । जिस पर मोटरसाइकिल के मालिक का पता करने का प्रयास किया गया । यह मोटरसाइकिल राजेश कीर पिता मुन्नालाल कीर निवासी मगरमुहा थाना चीचली के नाम पंजीकृत पाई गई जिस पर राजेश कीर को पकड़ा गया। राजेश ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथी रूप नारायण कौरव, रघुवीर उर्फ छोटू मेहरा के साथ वारदात को अंजाम दिया। तीनों नए साल की पार्टी मनाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने एटीएम लूटने की योजना बनाई थी पर घटना के समय डायल १०० वाहन का सायरन सुनाई देने से उन्हें वहां से भागना पड़ा और वे एटीएम नहीं लूट सके। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त सब्बल, पेंचकश और मोटरसाइकिल जब्त कर ली है। घटना के खुलासे में आरक्षक सुरेश, थाना प्रभारी राजेंद्र बागरी, सउनि. अनिल सिंह, आरक्षक रंजीत, कमलेश, यशवंत, राजेश राजपूत और सैनिक विश्वनाथ की प्रमुख भूमिका रही। इन्हें उप महानिरीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फे्रंस में घटना का खलासा करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने थाना पुलिस को सक्रिय किया गया। सबसे पहले घटनास्थल व बैंक के सीसीटीवी फुटेज देखे गए। उनकी घटिया क्वालिटी होने की वजह से कोई सुराग नहीं मिल सका । विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि घटना के समय थाना चीचली की डायल १०० गाड़ी में गस्त में ड्यूटी कर रहे आरक्षक सुरेश सूचना मिलने से कुछ देर पहले घटनास्थल के पास से गुजरे थे जहां उन्होंने एक मोटरसाइकिल खड़ी देखी थी । सुरेश ने उस मोटरसाइकिल का नंबर नोट कर लिया था। जिसका नंबर एमपी २० एमएम 392२ था जो घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर पर खड़ी थी। आरक्षक सुरेश ने मोटरसाइकिल के आस पास जाकर देखा तो कोई नजर नहीं आया जिस पर सुरेश ने यह समझा कि शायद कोई व्यक्ति अपने खेत गया होगा और मोटरसाइकिल यहां खड़ी कर गया होगा। एटीएम से छेड़छाड़ की सूचना के बाद आरक्षक सुरेश जब उस जगह से गुजरा तो वहां मोटरसाइकिल नहीं थी । जिस पर मोटरसाइकिल के मालिक का पता करने का प्रयास किया गया । यह मोटरसाइकिल राजेश कीर पिता मुन्नालाल कीर निवासी मगरमुहा थाना चीचली के नाम पंजीकृत पाई गई जिस पर राजेश कीर को पकड़ा गया। राजेश ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथी रूप नारायण कौरव, रघुवीर उर्फ छोटू मेहरा के साथ वारदात को अंजाम दिया। तीनों नए साल की पार्टी मनाना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने एटीएम लूटने की योजना बनाई थी पर घटना के समय डायल १०० वाहन का सायरन सुनाई देने से उन्हें वहां से भागना पड़ा और वे एटीएम नहीं लूट सके। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त सब्बल, पेंचकश और मोटरसाइकिल जब्त कर ली है। घटना के खुलासे में आरक्षक सुरेश, थाना प्रभारी राजेंद्र बागरी, सउनि. अनिल सिंह, आरक्षक रंजीत, कमलेश, यशवंत, राजेश राजपूत और सैनिक विश्वनाथ की प्रमुख भूमिका रही। इन्हें उप महानिरीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।