scriptसीनियर सिटीजन को जेल भेजने के मामले में आयोग के फैसले का इंतजार | Awaiting the Commission's decision on sending senior prisoners to jail | Patrika News

सीनियर सिटीजन को जेल भेजने के मामले में आयोग के फैसले का इंतजार

locationनरसिंहपुरPublished: Feb 26, 2019 04:35:17 pm

Submitted by:

ajay khare

पत्रिका की खबर पर आयोग ने लिया था संज्ञान

Court sentences Jethani to hear

Court sentences Jethani to hear

नरसिंहपुर। जन सुनवाई में सीनियर सिटीजन पीके पुरोहित को २१ अगस्त को तत्कालीन कलेक्टर अभय वर्मा द्वारा जेल भेजने के मामले में अब मानव अधिकार आयोग के फैसले का इंतजार है। १४ नवंबर २०१८ को यहां जांच करने आई आयोग की टीम ने वर्मा के बयान के बाद जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है। गौरतलब है कि आयोग ने पत्रिका में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की थी।
आयोग की एक टीम ने पुरोहित के घर पहुंच कर उनके बयान दर्ज किए थे। जिसके बाद टीम एसडीएम कार्यालय , थाने भी गई थी। इससे पहले आयोग ने २८ अगस्त को पुलिस महानिरीक्षक और राजस्व संभाग आयुक्त को तीन सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। आयोग द्वारा निर्धारित समय सीमा पूरी होने के बावजूद आयुक्त द्वारा पीडि़त के बयान दर्ज नहीं किए थे और आईजी की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने पर आयोग ने खुद ही जांच शुरू कर दी थी। जानकारी के अनुसार आईजी ने आयोग को जो रिपोर्ट भेजी थी उसमें घटना की पुष्टि की गई थी पर घटना के लिए दोषी कौन है इस बारे में कुछ नहीं कहा गया था।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम ने खुरपा गांव जाकर पीके पुरोहित और कलेक्टर कार्यालय में घटना के वक्त जन सुनवाई में मौजूद नगर सैनिक, अन्य विभागों के अफसरों व कर्मचारियों सहित कोतवाली थाना टीआई अमित दाणी के बयान दर्ज किए थे। तत्कालीन कलेक्टर अभय वर्मा ने बयान दर्ज नहीं कराए थे जिस पर आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। जिस पर बाद में उन्होंने अपना बयान लिखित रूप में प्रस्तुत किया था। घटना को लेकर प्रशासन ने बचाव की पूरी तैयारी की थी। आयोग ने घटना के दौरान के सभी सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था पर प्रशासन ने यह कहकर अपना बचाव किया है कि घटना के वक्त सीसीटीवी कैमरों का रखरखाव और उनकी शिफ्टिंग का काम चल रहा था जिसकी वजह से घटना के दौरान का कोई भी सीसीटीवी फुटेज उनके पास नहीं है ।
वर्जन
पत्रिका की खबर पर राज्य मानव अधिकार आयोग के सदस्य मनोहर ममतानी ने संज्ञान लिया था। इस बारे में जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट आयोग को सौंपी जा चुकी है।
एन जामले, डीएसपी मानव अधिकार आयोग
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