सम्मेलन स्थल पर रखा जाएगा मॉडल
अध्योया के राममंदिर स्थल पर भगवान रामलला त्रिपाल में मौजूद है जब तक मंदिर का भव्य निर्माण नहीं हो जाता है तब तक भगवान को त्रिपाल की जगह भव्य मंदिर में विराजमान करने के लिए शंकराचार्य ने जो संकल्प लिया था उसके हिसाब से मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। जो मॉडल तैयार हुआ है वह आने वाले संत महात्माओं के साथ राम भक्तों को दिखाने के लिए सम्मेलन स्थल पर रखा गया है।
२० टन का है ऊपरी हिस्सा
बनारस में सागौन की लकड़ी से निर्मित किया गया मंदिर का ऊपरी आवरण २० टन का है। दण्डी स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद ने बताया है कि झोतेश्वर में जो चंदन की लकड़ी से गर्भगृह का मंदिर निर्मित किया गया है इसके ऊपरी हिस्से को सागौन की लकड़ी से बनाया गया है। जो पूरी तरह से तैयार हो गया है। गर्भ गृह के मंदिर को सोने से मढऩे का कार्य शेष है। इस मंदिर को कल अयोध्या ले जाना है इसका निर्णय होने वाले संत महात्मा महासम्मेलन में आने वाले साधु संतों से विचार विमर्श करके किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर को सागौन की लकड़ी से बनारस में तैयार करवाया गया है जिसका वजन २० टन है जिसको बनारस से झोतेश्वर लाया गया और उसके अंदर झोतेश्वर में बने चंदन के मंदिर को रखा गया है वहीं जिस चंदन के मंदिर में भगवान रामलला की प्रतिमा विराजमान होगी उसको भी निर्मित किया गया है।
सम्मेलन में होंगे प्रस्ताव पारित
राम भक्तों के सामने अध्योया में राम मंदिर निर्माण के संबंध में अनेक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। वहीं उस तिथि को निर्धारित किया जाएगा जब यहां से भव्य मंदिर अध्योया ले जाया जाएगा।
विशाल भंडारे का आयोजन
मेला प्रंागण झोतेश्वर में होने वाले महासम्मेलन में रामभक्तों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। बनारस से ५० सदस्यीय रसोइया झोतेश्वर आ हुए हैं जो विशाल भंडारे में पकवानों को तैयार कर रहे हैं। महासम्मेलन में रामभक्त और साधु महात्मा ही रहेंगे इसमें राजनीतिक लोगों को सम्मलित करने से शंकराचार्य ने स्पष्ट प्रतिबंध लगा दिया है इसके कारण महासम्मेलन में किसी भी दल के नेता गण नहीं आ रहे हैं।