scriptM P के सरकारी अस्पतालों का बुरा हालः सालों से चिकितस्कों के रिक्त पदों पर नहीं हुई नियुक्ति | Bad condition of health centers in MP doctors posts vacant for long time | Patrika News

M P के सरकारी अस्पतालों का बुरा हालः सालों से चिकितस्कों के रिक्त पदों पर नहीं हुई नियुक्ति

locationनरसिंहपुरPublished: Jun 25, 2021 02:44:04 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-पर्याप्त योग्य चिकित्सकों के अभाव में इलाज में हो रही परेशानी

स्वास्थ्य केंद्र

स्वास्थ्य केंद्र

नरसिंहपुर. M P के सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है। हाल ये है कि सालों से चिकितस्कों के रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने से इलाज में प्रभावित हो रहा है। खास तौर से ग्रामीण अंचल के निवासियों को सामान्य बीमारी के लिए भी जिला मुख्यालय या निजी अस्पतालों में जाना होता है अथवा झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराना उनकी नियति बन गई है। इतना ही नहीं बताया जाता है कि जो मेडिकल स्टॉफ है वो भी ठीक से काम नहीं कर रहा है जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
गोटेगांव क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो हालात बद से बदतर हैं। जानकारी के मुताबिक यहां चिकित्सकों के 11 पद सृजित हैं जिसके सापेक्ष महज दो चिकित्सकों से काम चलाया जा रहा है। ज्यादा संकट की स्थिति में आरबीएस की महिला चिकित्सकों की सेवाएं ली जा रही हैं। आरबीएस की चिकित्सक भी यहां मरीजों को देखती हैं और परामर्श देती हैं, दवाओं की पर्ची देती हैं।
स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों की मानें तो हाल के दिनों में इस क्षेत्र में करीब 22 वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए लेकिन स्टॉफ की कमी के कारण वैक्सीन पहुंचाने में परेशानी होती है। जिले के दूसरे ब्लाक में सेंटरों की संख्या कम है। केंद्र में कर्मचारियों की संख्या नगण्य है। आशा सहयोगिनी कार्यकर्ता हड़ताल पर है जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है।
इधर बीच तो दवा वितरक भी अवकाश पर हैं। सीबीएमओ ने इमलिया, करकबेल से कई स्टॉफ को दवा वितरण के लिए तैनात किया है लेकिन आरोप है कि वो इस काम को ठीक से नहीं कर रही हैं। इससे गांव वाले परेशान हैं। उनका कहना है कि सीबीएमओ भी ऐसे कर्मचारियों की शिकायत पर चुप्पी साध लेते हैं।
केंद्र में एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध है लेकिन वो अक्सर खड़ी ही रहती है। एंबुलेंस का काम गंभीर मरीजों को दूसरे शहर या बड़े निजी अस्पतालों के लिए रेफर केस को लेजाना ही रह गया है। बताया जाता है कि यहां से मरीजों को रेफर करने और फिर उन्हें निजी एंबुलेंसों से निजी अस्पतालों में भर्ती कराने के एवज में जमकर कमीशन का खेल चलता है। ग्रामीणों ने इस खेल पर जल्द से जल्द रोक लगाने की मांग की है।
ग्रामीणों के अनुसार ये बदहाली तब है जब सीबीएमओ डॉ. एसएस धुर्वे वैक्सीनेशन के कार्य के संबंध में अक्सर आते रहते हैं।

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