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यूनियन बैंक में लाखों के घोटाले में बैंक का लिपिक निलंबित, पुलिस ने शुरू की जांच

locationनरसिंहपुरPublished: Aug 07, 2021 09:54:16 pm

Submitted by:

ajay khare

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की गोटेगांव शाखा मेंखाताधारकों से लाखों की धोखाधड़ी के मामले को पत्रिका द्वारा उजागर किए जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है वहीं दूसरी ओर बैंक प्रबंधन ने अपने एक लिपिक को निलंबित कर दिया है।

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narsinghpur/गोटेगांव. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की गोटेगांव शाखा मेंखाताधारकों से लाखों की धोखाधड़ी के मामले को पत्रिका द्वारा उजागर किए जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है वहीं दूसरी ओर बैंक प्रबंधन ने अपने एक लिपिक को निलंबित कर दिया है। धोखाधड़ी का शिकार खाताधारकों की शिकायतों पर पुलिस ने बैंक को पत्र जारी किया है जिसमें दो दिन में शिकायतों से संबंधित समस्त जानकारी मांगी है। पुलिस ने धोखाधड़ी के दौरान बैंक में पदस्थ कर्मचारी, खाताधारक के खाते से दूसरे के खातों में राशि ट्रांसफर करने और फिर उन खातों से राशि निकालने से संबंधित समस्त प्रक्रिया और संबंधित कर्मचारियों की भूमिका की जानकारी मांगी है।
लिपिक सहित तीन कर्मचारी निलंबित
बैंक घोटाला उजागर होने के बाद यूनियन बैंक प्रबंधन ने लिपिक आकाश को निलंबित कर दिया है जबकि बैंक सहायक फूलसिंह और एक अन्य लिपिक संदीप को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। शाखा प्रबंधक अमित सिन्हा ने पत्रिका को बताया कि बैंक में घोटाला सामने आने के बाद इन तीनों कर्मियों को निलंबित किया गया है।
अभी तक डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी आई सामने
यूनियन बैंक गोटेगांव में खाताधारकों के साथ यह धोखाधड़ी सामने आने के बाद इस बैंक के खाताधारकों की नींद उड़ गई है। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद अब बड़ी संख्या में खाताधारक अपने खातों में जमा रकम की जानकारी प्राप्त करने बैंक पहुंच रहे हैं। जिन्होंने राशि जमा करने के बाद लेन देन कई दिनों तक नहीं किया और एफडीआर बनवाई है ऐसे कई लोग बैंक पहुंच रहे हैं । बैंक प्रबंधन के मुताबिक अभी तक करीब डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी सामने आई है।
प्रिंटर खराब होने का बहाना कर नहीं करते थे इंट्री
धोखाधड़ी का शिकार हुए खाताधारकों ने बताया है कि उनके द्वारा बैंक मेंजमा की जाने वाली रकम की उसी दिन उनकी पासबुक में इंट्री नहीं की जाती थी। खाताधारक से कहा जाता था कि पिं्रटर खराब है इसलिए इंट्री नहीं हो सकती। उसे जमापर्ची पर सील लगाकर दे दी जाती थी। जिसके बाद कई खाताधारकों के रुपए जमा नहीं किए गए। इस बीच कुछ खाताधारकों की जमापर्ची गुम हो गई और फिर जब वे इंट्री कराने पहुंचे तो पता चला कि उनके खाते में राशि जमा नहीं की गई। बैंक कर्मियों ने पर्ची मांगी तो खाताधारक पर्ची नहीं दे सका और उसे चूना लग गया। जिन खाताधारकों ने पर्ची संभाल कर रखी थी उनसे आवेदन लिया गया और बताया कि गलती से दूसरे के खाते में जमा हो गए थे। कुछ ऐसे खाताधारकों को बैंक के एक कर्मचारी ने जमा की गई रकम की आधी रकम दे दी और समझाइश दी कि अभी यह रख लो शेष रकम बाद में मिल जाएगी। शिकायत करने से कोई लाभ नहीं भटकते रहोगे।

वर्जन
अभी तक प्राप्त शिकायतों में खाताधारकों से करीब डेढ़ करोड़ की वित्तीय अनियमितता सामने आई है। करीब ३० खाताधारकों ने शिकायत की है। आडिट टीम इस मामले की जांच कर रही है। खातेदारों के खातों की जांच कर उनको जानकारी दी जा रही है जो खातेदार धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं उन खातेदारों को बैंक राशि प्रदान करेगी।
अमित सिन्हा, शाखा प्रबंधक यूनियन बैंक गोटेगांव

वर्जन
हमारे पास बैंक के ९ खाताधारकों ने शिकायत की है। जिसमें उनके खातों से दूसरे के खातों में राशि ट्रांसफर कर निकाले जाने की शिकायत की गई है। हमने बैंक को पत्र जारी कर दो दिन में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। जानकारी प्राप्त होने के आधार पर प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश मिश्रा, टीआई गोटेगांव
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