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यहां घर पहुंचने से पहले हो जाती है मनोकामना पूर्ण

locationनरसिंहपुरPublished: Apr 13, 2019 06:42:40 pm

सिद्ध शक्तिपीठ है नगर का बंजारी माता मंदिर, उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

Before the arrival of the house, the desire is complete

Before the arrival of the house, the desire is complete

गाडरवारा। शक्ति की आराधना के महापर्व चैत्र नवरात्रि के चलते इन दिनों अंचल में मां की आराधना जारी है। लोग मां के द्वारे सुबह शाम पहुंच रहे हैं। जहां जल ढारने से लेकर शाम को महाआरती के अलावा विभिन्न प्रकार के आयोजन होते हैं।
ऐसे ही नगर के कोचर कॉलोनी स्थित बंजारी माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार मां बंजारी का धाम नगर का सिद्धपीठ है। करीब 300 वर्ष पूर्व पिंडारी काल में मां पीताम्बरा स्वरूपा बंजारीधाम की स्थापना हुई। मंदिर में मां बंजारी की भूगर्भित स्वयंभू प्रतिमा है। मां के भक्त सुशील शर्मा के अनुसार यह स्थान पहले बंजर जमीन था, जहां लोगों का बहुत कम आना जाना होता था। संभवत: इस तरह बंजर जमीन में होने से मां का नाम मां बंजारी पड़ा। वहीं कुछ लोगों के अनुसार पुराने समय में बंजारों द्वारा स्थापना बताई जाती है। मां बंजारी की प्रतिमा का मुख बगुले के समान है। इसी कारण मां का दूसरा नाम बगुलामुखी मां है।
एक किवदंती के रूप में पिंडारी काल में बंजारों को स्वप्न में मां ने दर्शन देकर यहां अपनी मूर्ति स्थापित कराई थी, जो वर्तमान की पिंड मूर्ति के ठीक नीचे प्रति स्थापित है। अनेकों श्रद्धालुओं का मत है मां बंजारी जिसपर प्रसन्न हो जाती हैं घर पहुंचने से पहले उसकी मनोकामना पूरी होती है। यहां चैत्र एवं शारदेय नवरात्र के अलावा भी प्रतिदिन भक्त उमड़ते रहते हैं।

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