scriptहादसों का सबब बन रहे ब्लैक स्पॉट | Black spot becoming a haunts of accidents | Patrika News

हादसों का सबब बन रहे ब्लैक स्पॉट

locationनरसिंहपुरPublished: Dec 12, 2018 06:59:05 pm

Submitted by:

ajay khare

शहर के प्रमुख स्थानों पर बैरीकेड न होने से हादसों की आशंका

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गाडरवारा। नगर का जिस तेजी से विकास हो रहा है, उस गति से नगर में सुविधाओं का विकास नहीं किया जा रहा। संभवत: इसी के चलते लोगों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी कड़ी में नगर वासियों को सबसे अधिक सड़कों पर तेज गति से दौड़ रहे वाहनों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नगर के कुछ स्थानों पर यह हालत है कि आसपास की सड़क से लोगों को मुख्य सड़कों पर आने में हादसे की आशंका बनी रहती है। क्योंकि मुख्य सड़क पर तेज रफ्तार वाहन दौड़ते रहते हैं। वहीं इन सड़कों पर तिराहे चौराहे के आसपास बैरीकेड न होने से हादसों की आशंका बनी रहती है। लोगों की अनेकों बार मांग के बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इससे खतरा बना हुआ है। पत्रिका ने नगर की कुछ ऐसी ही आशंका वाले ब्लैक स्पाट का जायजा लिया।
पलोटनगंज चौराहा
नगर के पलोटनगंज चौराहे पर जमाड़ा रोड, नगर की पानी टंकी मेन रोड, अस्पताल एवं स्टेशन रोड आकर मिलती है। इस चौराहे पर अस्पताल एवं स्टेशन रोड के बीच तेज गति के वाहन दौड़ते रहते हैं। आसपास अनेक शिक्षण संस्थान, मंदिर, निजी अस्पताल आदि होने के बावजूद बैरीकेड न लगे होने से अक्सर हादसों का खतरा रहता है। लोग मुडऩे के पहले बेहद सावधान होकर वाहन निकालते हैं। फिर भी गाहे बगाहे छुटपुट दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
पेट्रोल पंप तिराहा
नगर के पेट्रोल पंप राठी तिराहे पर पुराने बस स्टैंड से गल्ला मंडी की ओर सड़क गुजरी है। जिसमें अस्पताल रोड सड़क भी आकर मिली है। यहां भी दिन रात वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। उस पर सड़क निर्माण के चलते जाम एवं कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं। इस तिराहे पर भी बैरीकेड लगाने की अपेक्षा जताई गई है।
आमगांव नाका बाइपास तिराहा
स्थानीय आमगांव नाका बाइपास तिराहे से होकर नगर की मुख्य गल्लामंडी सड़क, सांईखेड़ा पिपरिया रोड पर बाइपास रोड का संगम हुआ है। इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही लगी होने से हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका एवं पूर्व में अनेक हादसे हो चुके हैं। भारी वाहनों की गति तेज होने से भिडऩे की आशंका से बचकर जैसे तैसे लोग निकलते हैं। यहां भी बाइपास रोड एवं पिपरिया रोड पर बैरीकेड लगाकर वाहनों को धीमी गति से निकाला जाए तो लोगों को बेहद सुरक्षा मिल सकती है। बता दें यहीं से होकर स्कूल कॉलेज के बच्चे आते जाते हैं।
बोदरी नाका चौराहा
सबसे खतरनाक बैरीकेड विहीन सड़क में शुमार इस चौराहे पर पूर्व में दर्दनाक हादसा हो चुका हैं। वहीं बाइपास रोड में इसी चौराहे पर दोनों ओर से ढलान होने से वाहनों की गति अपने आप तेज होती है। इसी चौराहे पर बोदरी, डोलाबाबा, जगदीश मंदिर की तरफ से शहर की सड़क आकर मिलती है। पास में अनेक स्कूल एवं कॉलेज, आईटीआई आदि स्थित होने से दिन भर विद्यार्थी आते जाते रहते हैं। इसके अलावा नागरिकों के लिए भी शार्टकट मार्ग होने से लोगों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन कहीं से भी मुख्य बाइपास सड़क पर आने पर जोखिम बना रहता है। जो रात के समय और भी बंढ जाता है। लोगों की अनेक बार मांग के बावजूद भी बाइपास रोड पर बैरीकेड नहीं लगाए गए हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन पर चीचली रोड तिराहा, पुल के पास चिरहकलां तिराहे जैसे स्थानों पर भी बैरीकेडिंग की मांग की जाती रही है। जहां लोगों द्वारा इन प्रमुख स्थानों पर बैरीकेड लगाने की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी ओर अक्सर बैरीकेडों को कहीं नालियों में तो कहीं सुनसान स्थान पर पड़े पड़े सड़ते देखा गया है।

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