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सडक़ किनारे जन्मीं नवजात, स्थानीय लोगों ऐसे की मदद

locationनरसिंहपुरPublished: Feb 26, 2021 11:49:52 pm

Submitted by:

Sanjay Tiwari

सामाजिक कार्यकर्ताओं की संवेदनशीलता से रौंसरा पहुंची चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम

सडक़ किनारे जन्मीं नवजात, स्थानीय लोगों ऐसे की मदद

अस्पताल में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ प्रसूता और नवजात। ,अस्पताल में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ प्रसूता और नवजात। ,अस्पताल में सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ प्रसूता और नवजात।

नरसिंहपुर। राजमार्ग चौराहा पर गुरुवार को सडक़ किनारे जन्मी नवजात और मानसिक रोगी प्रसूता की स्थिति को देखते हुए उसे जिला चिकित्सालय में रखा गया। नवजात बालिका के स्वास्थय की यहां गहन शिशु चिकित्सा इकाई अर्थात (एसएनसीयू) में जांच कर इलाज चल रहा है जहां उसकी हालत ठीक बताई जा रही है। बीते गुरुवार की दोपहर बाद मानसिक रोगी महिला ने सडक़ किनारे बेटी को जन्म दिया था। जिसे पहले स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संवेदनशीलता दिखाते हुए रौंसरा स्वास्थ केंद्र में भर्ती कराया साथ ही चाइल्ड हेल्प लाइन में सूचना दी। इसके बाद रात्रि करीब 11 बजे नरसिंहपुर से रौंसरा पहुंची टीम प्रसूता और नवजात को लेकर जिला चिकित्सालय आई।

राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 व 45 को जोडऩे वाले राजमार्ग चौराहा पर बेटी को जन्म देने वाली 35.40 वर्षीय मानसिक रोगी महिला कहां की रहने वाली है इसका अब तक पता नहीं चल सका है। रौंसरा स्वास्थ केंद्र में जब उसे भर्ती कराया गया और प्रसूता से नाम,पता पूछा तो उसने अपना नाम छोटीबाई बताया है। लेकिन वह कहां की रहने वाली है, किन परिस्थितियों में घर से निकली है इसकी कोई जानकारी नहीं दे पा रही है। मानसिक रोगी प्रसूता की जानकारी लगने के बाद गुरुवार की रात करीब 11 बजे जब नरसिंहपुर से चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम रौंसरा स्वास्थ केंद्र पहुंची तो प्रसूता महिला ने काफी देर तक एंबुलेंस वाहन में बैठने से मना किया। लेकिन स्टाफ नर्स ज्योति, दाई पूनाबाई, आशा कार्यकर्ता राधा सेन, स्टोर कीपर अरविंद पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता भगतराम पटेल, धर्मेश शर्मा के प्रयासों से प्रसूता एंबुलेंस में बैठने तैयार हो गई। ईएमटी नीतेश साहू व चाइल्ड लाइन से दीपिका ठाकुर, रविकिशन साहू की टीम महिला व नवजात को लेकर जिला चिकित्सालय के लिए रवाना हुई। रास्ते में प्रसूता कोई दिक्कत न करे और उसकी सुरक्षा में कमी न रहे इसके लिए सुआतला थाना से एक महिला आरक्षक मंजू मर्सकोले को भी साथ रखा गया। रात्रि में ही नवजात को गहन शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया साथ ही महिला को भी वार्ड में रखा गया। स्वास्थ कर्मियों के अनुसार नवजात की हालत ठीक है और उसे एक-दो दिन तक गहन शिशु चिकित्सा इकाई में ही रखा जाएगा ताकि उसकी देखभाल अच्छी तरह से हो सके।

इनका कहना है
नवजात स्वस्थ है और उसका वजन 3 किलो 200 ग्राम है। प्रसूता मानसिक रोगी है जो कुछ बोल नहीं रही है इसलिए उसे आब्र्जवेशन में रखा गया है। नवजात के संबंध में चिंताजनक कोई बात नहीं है।
डा. विजयंत जैन, गहन शिशु चिकित्सा इकाई प्रभारी नरसिंहपुर

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