नरसिंहपुर बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन के विधिक सलाहकार विवेक जैन का कहना है कि 2018 में जब डीजल की कीमत 65: 5 रुपये थी, तब किराया वृद्घि की गई थी। लेकिन वर्तमान में डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है फिर भी किराया नहीं बढ़ाया गया। ऐसे में ऑपरेटर्स अब किराए में 50 फीसद की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में डीजल व पेट्रोल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाकर उनकी कीमत कम करना, बसों के पार्ट्स, टायर आदि में लगने वाली जीएसटी की दरों को कम करना, चेकिंग के नाम पर बेवजह कार्रवाई न करने आदि शामिल है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि हमारी मांगों के निराकरण के लिए उचित कार्रवाई नही की गई तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने विवश होंगे।
उधर जिला परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिले के अलग-अलग रूटों पर 100 से अधिक बसों का संचालन हो रहा है जिसमें सिवनी, लखनादौन, छिंदवाड़ा, हरई, सागर, जबलपुर, गाडरवारा आदि प्रमुख रूट हैं। जिला परिवहन अधिकारी जितेंद्र शर्मा का कहना है कि जिले में 15 साल पुरानी किसी भी बस का संचालन नही हो रहा है। निरीक्षण के दौरान जो बसें अनफिट पाई जा रहीं हैं उनके खिलाफ की कार्रवाई की गई है। शर्मा के अनुसार 2020 के कोरोनाकाल में 21 मार्च से 22 अक्टूबर तक बसों का संचालन पूर्णतः बंद था, बावजूद इसके शासन से बस संचालन की अनुमति मिलने के बाद जब कुछ बसें आरंभ हुईं तो नियमों का पालन न करने पर 7-8 बसों के विरुद्घ चालान की कार्रवाई की गई।