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नहरें हैं, पानी है, फिर भी खेत प्यासे

locationनरसिंहपुरPublished: Apr 11, 2019 10:49:36 pm

हजारों हेक्टेयर कमंाड एरिया में नही बन पाये वाटरकोर्स

Canals are water, yet thirsty farm

Canals are water, yet thirsty farm

गाडरवारा। रानी अवंतिबाई नहर परियोजना के तहत क्षेत्र के कमोबेश सभी गांवों तक नहरों का निर्माण कराया जा चुका है और इन नहरों में पिछले कुछ सालों से पानी भी चलाया जा रहा है इस वर्ष भी नहर के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा एक बार पानी चलाने के बाद अब नहरों की सफाई शुरू कर दी गई है जिससे पानी बिना रूके खेतों तक पहुंच सके। लेकिन इसके साथ ही नहर से दूरस्थ खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए वाटरकोर्स का निर्माण महज दस प्रतिशत हो पाया है जिसके कारण नहर के कमांड एरिया के रूप में चिंहित किये गये हजारो हेक्टेयर रकबे के खेतों की ङ्क्षसचाई के लिए यहां के किसान पानी के मोहताज बने हुए है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार के नरसिंहपुर डिवीजन के अंतर्गत नहरों से सिंचाई के लिए करीब ३० हजार हेक्टेयर के रकबे को कमांड एरिया के रूप में चिंहित कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है लेकिन पिछले सालों में इस लक्ष्य के विपरीत महज १७-१८ हजार हेक्टेयर के खेतों तक ही पानी पहुंच पा रहा है। बताया गया है नहरों से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बनाये जाने वाले वाटरकोर्स का निर्माण के लिए फंड की कमी सबसे अधिक रोड़ा बनी है। यहां पिछले कुछ सालों में शासन स्तर को करीब ७ हेक्टेयर में वाटरकोर्स निर्माण के लिए डिमांड और कार्ययोजना भेजी गई थी जिसमें से मात्र तीन हजार हेक्टेयर में वाटर कोर्स के निर्माण के लिए ही अलाटमेंट मिल सका। लिहाजा शुरू आती दौर में कुछ जगहों पर वाटरकोर्स का निर्माण जरूर कराया गया है लेकिन इसके बाद राशि के अभाव में काम बंद हो कर रह गया। जिसके परिणाम स्वरूप खेतों तक नहर के पानी का पहुंचना मुश्किल हो गया है। उल्लेखनीय है वर्तमान में नहर से मिलने वाले पानी को लेकर नहर के आस पास स्थित खेतों के किसान तो लाभांवित हो जाते है लेकिर नहर से तीन या चार या उससे अधिक दूरी वाले खेतों के किसानों के लिए नहर के पानी का उपयोग कर पाना टेढ़ी खीर साबित होता है। ऐसी स्थिति से गुजर रहे सिहोरा के आंचलिक ग्राम तिगुंवा के किसान कमलेश ने बताया कि उसके गांव में नहरें तो लंबे समय से बनी पड़ी है लेकिन वहां तक पानी नही पहुंच रहा है। जिसके कारण उसे खेतों की सिंचाई के लिए बिजली आधारित मोटरपंप पर आश्रित रहना पड़ रहा है।

शुरू हुई नहरों की सफाई
लगभग दो सप्ताह पहले पत्रिका द्वारा प्रकाशित की गई खबर के बाद सक्रिय हुए नहर विभाग ने सिंहोरा अजंसरा क्षेत्र की नहरों में पानी चलाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही इस सप्ताह से इस क्षेत्र की नहरों की सफाई भी शुरू हो गई है। नहरों की सफाई का काम देख रहे मौके पर मौजूद विभाग के इंचार्ज केसी ओसले ने बताया कि नहरों में जहां तहां ऊग रही झाडिय़ों को हटाया जा रहा है और कचरे की सफाई करायी जा रही है जिससे नहरों में पानी निर्बाध गति से निकल सके। इसके अलावा यहां के गेटों की आइलिंग ग्रीसिंग के लिए भी जबलपुर से टीम फील्ड पर काम कर रही है।

इनका कहना है
नहर से दूरस्थ खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए वाटर कोर्स का निर्माण कराया जाता है लेकिन फिलहाल इसके लिए राशि का अलाटमेंट नही है इसलिये यह काम नही हो पा रहा हैै। इसके लिए शासन स्तर से स्वीकृति प्राप्त होती है,विभागीय स्तर कार्ययोजना ही तैयार की जाती है।
केसी ओसले इंचार्ज सिहोरा क्षेत्र नहर विभाग

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