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ठंडे बस्ते में छिंदवाड़ा सागर रेल परियोजना

locationनरसिंहपुरPublished: Apr 22, 2019 10:10:22 pm

Submitted by:

abishankar nagaich

नहीं मिले ट्रेनों के स्टापेज, शटल भी छिन गई

Chhindwara railway line project

Chhindwara railway line project

नरसिंहपुर. रेल सुविधाओं को लेकर होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र अंतर्गत इस जिले का केंद्र में प्रतिनिधत्व करने वाले जन प्रतिनिधि यहां के लोगों को पर्याप्त रेल सुविधाएं नहीं दिला सके । इस चुनाव में मतदाताओं के बीच यह चर्चा का विषय है। न तो छिंदवाड़ा सागर रेल परियोजना को लेकर धरातल पर कोई काम शुरू हो सका है और न ही यहां से गुजरने वाली करीब ५० ट्रेनों में से कई गाडिय़ों के यहां स्टापेज हो सके हैं जिससे यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार वर्ष २०११-१२ में छिंदवाड़ा सागर रेल परियोजना के सर्वे का काम शुरू हुआ था। सर्वे २०१७ में पूरा हुआ और इसकी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपी गई। करीब २८० किमी लंबी रेल लाइन के लिए ४९०० करोड़ की परियोजना तैयार करने की बात कही गई पर यह फाइलों में कैद होकर रह गई। इस परियोजना को न तो स्वीकृति दी गई और न ही बजट का प्रावधान किया गया। जिससे यहां के लोगों में निराशा है। सबसे ज्यादा नाराजगी तेंदूखेड़ा क्षेत्र के लोगों में है क्योंकि यहां पहले से रेल सुविधा नहीं है और फिर छिंदवाड़ा सागर रेल लाइन सर्वे में भी इस क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया। गौरतलब है कि गाडरवारा से उदयपुरा होकर इंदौर जबलपुर लाईन को मंजूरी दी गई है लेकिन गाडरवारा से महज 30 किमी दूर तेंदूखेड़ा क्षेत्र को इसमें शामिल नहीं किया गया।वर्ष 1999-2000 में सर्वदलीय संघर्ष समिति ने करेली में मेल स्टापेज के लिए आंदोलन किया था तो 4 सूत्रीय मांगों में छिंदवाड़ा-सागर रेल परियोजना को भी प्रमुखता से उठाया था।

५० साल पहले रेल मंत्री ने जताया था अफसोस
1970 में जब तेंदूखेड़ा ग्राम पंचायत थी उस दौरान तत्कालीन रेलमंत्री गुलजारीलाल नंदा एक कार्यक्रम में यहां आए थे और उन्होंने अफसोस जाहिर किया था कि रेल मंत्री होने के बावजूद वे यहां रेल मार्ग की सुविधा नहीं दे सके। उन्होंने इसे रेलमार्ग से जोडऩे का आश्वासन दिया था पर वह अभी तक इसे कोई जन प्रतिनिधि पूरा नहीं करा सका। रेल सुविधा न होने से तेंदूखेड़ा क्षेत्र विकास के मामले में अन्य शहरों की तुलना में अभी तक पिछड़ा हुआ है।

जबलपुर और इटारसी से ट्रेन पकडऩेे की मजबूरी
नरसिंहपुर स्टेशन से करीब ५० गाडिय़ा अप एंड डाउन में यहां बिना रुके गुजरती हैं। लंबी दूरियों की कई गाडिय़ों के स्टापेज न होने से यहां के लोगों को उन गाडिय़ों को पकडऩे के लिए या तो जबलपुर स्टेशन जाना पड़ता है या फिर इटारसी से सवार होते हैं। जिससे यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार यहां के लोगों ने जन प्रतिनिधियों से इस बारे में बात की पर किसी ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। एक ओर जहां यहां के लोगों को अधिक रेल सुविधाएं नहीं मिल सकीं वहीं इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली शटल पैसेंजर गाडिय़ां बंद कर दी गईं। इटारसी सतना शटल यहां के छात्रों, व्यापारियों व अप डाउनर्स के लिए सबसे उपयुक्त एवं सुविधाजनक गाड़ी थी जिसे एक साल पहले बंद कर दिया गया। उसकी जगह एक्सप्रेस गाड़ी चला दी गई जिसके स्टापेज यहां के उन स्टेशनों पर नहीं दिए गए जो शटल के थे। जिसकी वजह से लोगों की सुविधा छिन गई और परेशानी शुरू हो गई। इस वजह से क्षेत्र के मतदाताओं में जन प्रतिनिधियों की भूमिका को लेकर गहरा असंतोष है।

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