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5 साल बीते अब तक शुरू नहीं हो सकी मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना

locationनरसिंहपुरPublished: Sep 08, 2018 08:28:18 pm

Submitted by:

ajay khare

नरसिंहपुर। मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना के तहत 32 करोड़ लागत की परियोजना का जून माह में इ-लोकार्पण किया गया। लोकार्पण होने के बाद 3 माह निकल गए लेकिन अभी तक लोगों के घरों में नर्मदा से आने वाला पेयजल नहीं पहुंच सका है।

electricity problems in rural area of udaipur district

Power connections given to poor families

नरसिंहपुर। मुख्यमंत्री जलावर्धन योजना के तहत 32 करोड़ लागत की परियोजना का जून माह में इ-लोकार्पण किया गया। लोकार्पण होने के बाद 3 माह निकल गए लेकिन अभी तक लोगों के घरों में नर्मदा से आने वाला पेयजल नहीं पहुंच सका है। लोकार्पण के पहले से इसकी टेस्टिंग जनरेटर के माध्यम से की गई। उसके बाद से पेयजल सप्लाई की इस योजना का मुख्य घटक जल शोधन यंत्र ही बंद पड़ा है। 5 साल से चल रही कवायद के बावजूद अभी तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाया है।
उल्लेखनीय है कि डेडवारा में बनाया गए जल शोधन यंत्र की मशीनरी पूरी तरह बंद पड़ी है। स्थिति यह है कि लोकार्पण के पूर्व और बाद के तीन माह बाद भी विद्युत आपूर्ति किए जाने के मसले का समाधान नहीं हो पाया है। नगरपालिका के अधिकारी कर्मचारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और बिजली विभाग द्वारा काम नहीं किए जाने का बहाना बना रहे हैं, वहीं विद्युत कंपनी एस्टीमेट के हिसाब से राशि जमा नहीं किए जाने की वजह से काम नहीं होने की बात कर रहे हैं। हालांकि अभी एक सप्ताह में पेयजल सप्लाई का दावा किया जा रहा है।
जल शोधन के लिए बनाए गए टेंक पर लगी मशीनरी जाम होने की स्थिति में है। इसका उदाहरण है कि यहां पर लगे टर्मिनल को घुमाने वाली छोटी मशीन की चैन में जंग लगी हुई है। नगरपालिका के सूत्रों की बात मान भी ली जाए तो अब इन मशीनरियों में हुई गड़बड़ी में सुधार को लेकर मामला अटकेगा और टर्मिनल नहीं घूमने की वजह से जल शोधन नहीं हो पाएगा।
जलावर्धन योजना के लिए बनाए गए टेंक और संयंत्रों के संचालन को लेकर भी सूत्र प्रश्न खड़े कर रहे हंै। शुभारंभ के दौरान इसका निर्माण करने वाली कंपनी के अधिकारी कर्मचारी लीकेज सुधारने के काम में व्यस्त रहे, लेकिन सप्लाई ही नहीं हो पाई। अब यदि विद्युत कनेक्शन मिल भी जाता है तो लीकेज सुधार व अन्य समस्याओं के निराकरण को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
जल शोधन यंत्र स्थापना वाले स्थान पर विद्युत लाइन तो डली है, लेकिन चालू नहीं है। इसके पीछे विद्युत कंपनी के सूत्रों का कहना है कि नगरपालिका को जो एस्टीमेट दिया था उसमें बार-बार बदलाव किया गया है। जिसके कारण लागत बदलती रही। बदले हुए एस्टीमेट के अनुसान राशि जमा नहीं किए जाने के कारण अभी तक काम नहीं हो पाया है।
नर्मदा के माध्यम से शहर की पेयजल सप्लाई शुरू होने की कवायद 5 साल से चल रही है। 31 मई 2013 से प्रारंभ हुए जलावर्धन योजना का काम 12 माह की अवधि में पूर्ण किया जाना था। अब शुभारंभ के बाद 3 माह बीत गए लेकिन हाल जस के तस है।
इनका कहना है
जलावर्धन योजना के सुचारू संचालन के लिए विद्युत कनेक्शन की समस्या से बिलंब हुआ है। सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी है अब विद्युत कंपनी लाइन चार्ज करने का काम कर रही है। संभावना है कि एक सप्ताह में पेयजल सप्लाई इसी से हो सकेगी।
संजय तिवारी प्रभारी यंत्री जलावर्धन योजना
नगरपालिका परिषद नरसिंहपुर
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