जल संरक्षण हेतु उठे कदम
सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष नर्मदा स्तुति, धर्मस्थलों की सफाई की जाएगी एवं घाटों पर जाकर लोगों को स्वच्छता के बारे में बताया जाएगा। इसी कड़ी में लोगों को चुनावी वर्ष होने से समझाया जाएगा कि अपने मतों का अधिक से अधिक उपयोग कर लोकतंत्र को मजबूत करें। अभियान की शुरुआत समीपी ग्राम लिंगा से की गई।
उल्लेखनीय है कि विगत दो वर्ष से ग्राम लिंगा में भौंरझिर के लोगों द्वारा परिक्रमावासियों को प्रतिदिन भोजन कराया जाता है। दूसरी ओर चिंता जताई गई कि नर्मदा का जलस्तर बहुत तेजी से कम हो रहा है। मां नर्मदा से लगे हुए गांव व शहर में जल का बेहद दोहन हो रहा है जबकि स्थानीय जल स्रोतों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। अगर इसी तरह चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं है कि मां नर्मदा की स्थिति भी शिप्रा नदी जैसी हो जाएगी।
प्रथम दिवस नर्मदा स्वच्छता समिति भौंरझिर के राजकुमार कौरव, ऋषि पचौरी, सीताराम कौरव, तुलसीराम राठौर, सुदीश कौरव, अभिषेक ममार, चौधरी नीतीश कौरव, छोटू पटेल आदि मौजूद रहे। दूसरे दिन दो अप्रैल को अंडिया घाट पर अभियान चलाया जाएगा। इसमें अंडिया घाट की सफाई करने के साथ ही जन जागरुकता कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।
ककराघाट नर्मदा तट पर चलाया सफाई अभियान: गाडरवारा. मां नर्मदा को स्वच्छ एवं साफ बनाए रखने के लिए गत दिवस मुस्कान ठाकुर के नेतृत्व में अनेक महिला, पुरुषों ने समीपी नर्मदा तट ग्राम ककराघाट के नर्मदा घाट पर सफाई अभियान चलाया एवं नशा मुक्ति अभियान के तहत लोगों को संदेश दिया।
इसमें नर्मदा एवं उसके आसपास परिसर में साफ-सफाई रखने तथा नशे से होने वाली बीमारियों से अवगत कराया गया। इस अवसर पर गाडरवारा, गरधा, बोदरी, अठ्ठाईसा, कामती, पिठहरा, खुरसीपार, अर्जुनगांव, सालीचौका, खैरूआ, बाबईखुर्द, सहावन, आमगांव छोटा, बरेली, इमलिया, गोलगांवकला के अनेक नर्मदा भक्त सदस्य उपस्थित थे।