कलेक्टर वेदप्रकाश ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी व्यापारी की मूंग फसल की खरीदारी समर्थन मूल्य वाले खरीद केंद्रों पर नहीं होनी होनी चाहिए। उन्होंने इस सप्ताह किसानों को जारी मैसेज का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश भी दिया। बता दें कि किसानों की उपज की खरीद में गड़बड़ी की जांच जिला आपूर्ति विभाग के अफसर भी कर रहे हैं।
कलेक्टर ने गाडरवारा में हुई बैठक में उपसंचालक कृषि राजेश त्रिपाठी, एसडीएम सृष्टि देशमुख सहित उपस्थित करीब 50 अधिकारी-कर्मचारियों को मूंग खरीदी की व्यवस्थाओं के संबंध में निर्देश दिए। एसडीम को हिदायत दी कि वो सप्ताह भर में जारी मैसेज का भौतिक सत्यापन कराएं ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिनको मैसेज जारी हुए है वो वास्तविक रूप से किसान हैं। इससे यह भी पता चल सकेगा कि उन्होंने कितनी उपज बेंची है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि किसी भी व्यापारी की मूंग केंद्र तक नहीं पहुंचनी चाहिए। इसके लिए कर्मचारियों की टीम को हर वक्त सतर्क रहना होगा।
दरअसल ग्राम कामती समिति द्वारा स्वामी वेयर हाउस में की जा रही मूंग खरीदी के कार्य में एक किसान से उपज खरीदने के एवज में 10 हजार रुपये की मांग करने की शिकायत पर प्रशासन ने सघन जांच शुरू की है। किसान से पैसा मांगने से संबंधित एक वीडियो भी पिछले दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसके बाद ही प्रशासन हरकत में आया और केंद्र से जुड़े कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की।
उपसंचालक कृषि राजेश त्रिपाठी के अनुसार इस मामले में तीन किसानों के लिखित बयान हो चुके है लेकिन जिस किसान ने वीडियो बनाकर वायरल किया है उसके जिले से बाहर होने के कारण उसका बयान अभी नहीं हो सका है। वीडियो में यह क्लीयर नहीं हो रहा है कि आखिर किस किसान से रुपये की मांग की जा रही थी। मामले में प्रबंधक से भी जबाब तलब किया गया है।