बुधवार को आईसीएमआर जबलपुर से 99 व्यक्तियों की रिपोर्ट जिला प्रशासन को प्राप्त हुई। इसमें से 92 व्यक्तियों की रिपोर्ट निगेटिव रही। जो नए मरीज सामने आए हैं, उनमें 6 मरीज नरसिंहपुर शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से संबंधित हैं। इन संक्रमितों में स्टेशनगंज, विपतपुरा, जेल लाइन, शास्त्री वार्ड, धनारे कॉलोनी गली नंबर 6 व राम वार्ड से संबंधित है। एक मरीज चावरपाठा विकासखंड के नयागांव का निवासी है।
वैसे जिस रफ्तार से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसकी तुलना में इन्हें अस्पताल पहुंचाने से लेकर फर्स्ट कांटेक्ट में आने वालों की सैंपलिंग समय पर नहीं हो पा रही है। बेपटरी होती जा रही स्वास्थ्य सेवाओं से अब लोग ज्यादा डरने लगे हैं। खासकर कंटेनमेंट एरिया में रहने वाले लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा ही चिंतित हैं।
फर्स्ट कांटेक्ट की बात तो दूर, संक्रमित मरीज को अस्पताल पहुंचाने में भी लेटलतीफी सामने आने लगी है। इसका उदाहरण है सालीचौका में संक्रमित निकली महिला। बताया जाता है कि मंगलवार रात करीब 8 बजे आईसीएमआर से प्राप्त रिपोर्ट में महिला कोरोना संक्रमित पाई गई। महिला रात से लेकर अगले दिन यानी बुधवार दोपहर 2 बजे तक खुद को अस्पताल पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम, एम्बुलेंस का इंतजार करती रही, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। महिला के अनुसार उसकी एक 4 साल की बच्ची है। वहीं परिवार में बुजुर्ग हैं, जो उसके संक्रमित होने के बाद से डरे-सहमे हैं। बच्चे बार-बार अपनी मां के पास जाने की जिद कर रहे हैं। ऐसे में महिला खुद को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगाती रही लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी ऐसा नहीं कर पाए। इसके पहले ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय के भटिया क्षेत्र में देखने को मिला था। यहां पाए गए संक्रमित को अस्पताल पहुंचाने की किसी ने सुध नहीं ली। इंतजार करते-करते आखिरकार मरीज खुद चलकर अस्पताल पहुंचा।
सिर्फ दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय में भी कोविड 19 की सैंपलिंग करने में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही उजागर हो चुकी हैं। शहर के शास्त्री वार्ड का पहला कोरोना संक्रमित मरीज 12 जुलाई को जिला अस्पताल पहुंचा था, यहां उसने स्वयं ही कोरोना संक्रमित होने की आशंका जताते हुए जांच की गुहार लगाई थी। लेकिन, जिम्मेदारों ने उसे सर्दी-खांसी की दवा देकर विदा कर दिया। ये व्यक्ति घर आ गया। तीन दिन बाद जब इसकी कोविड सैंपलिंग की गई तो ये व्यक्ति संक्रमित पाया गया। बाद में पूरा परिवार ही संक्रमित पाया गया। इसी मामले में अब कपड़े धोने वाली महिला भी मंगलवार तक खुद की सैंपलिंग की गुहार लगाती रही, लेकिन जांच नहीं की गई।
गाडरवारा रेलवे स्टेशन से बस द्वारा रॉयल पैलेस क्वारंटीन सेंटर भेजा गया 35 वर्ष युवक बीती 21 जुलाई को बस से उतरकर भाग गया था, जिस पर गाडरवारा पुलिस ने धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया है। घटना के मुताबिक जनशताब्दी एक्सप्रेस से उतरे यात्री की स्टेशन पर मौजूद कोरोना जांच दल ने जांच की थी, इसके बाद उसे क्वारंटीन सेंटर बस से भेजा गया। पीछे पटवारी राकेश उपाध्याय भी बाइक से पहुंचे, लेकिन जैसे ही सेंटर के सामने बस रूकी तो यात्री वहां बाइक लेकर खड़े एक व्यक्ति के साथ सवार होकर अपने गांव मेहरागांव भाग गया था।