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संपूर्ण सेवा भाव से कोरोना संक्रमितों का इलाज करने वाली नर्स की मौत से गमगीन हुआ माहौल

locationनरसिंहपुरPublished: Jun 14, 2021 02:18:40 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-संक्रमितों की सेवा करते हो गई थी पॉजिटिव-इलाज के दौरान जबलपुर में हुई मौत

जिला अस्पताल नरसिंहपुर की नर्स रीता की कोरोना से मौत

जिला अस्पताल नरसिंहपुर की नर्स रीता की कोरोना से मौत

नरसिंहपुर. इस कोरोना महामारी ने पिछले सवा साल में जानें कितनों को असमय ही मौत की नींद सुला दिया। इसमें आमनागरिकों के अलावा चिकित्सक और चिकित्साकर्मी भी शामिल हैं। अब जिस चिकित्सक या चिकित्सक ने संपूर्ण सेवा भाव से अपनी और परिवार की चिंता किए बगैर संक्रमितों की सेवा की हो उसका असमय जाना किसे नहीं खलेगा। ऐसा ही कुछ हुआ जब नरसिंहपुर जिला अस्पातल में कार्यरत 36 वर्षीय नर्स रीता ठाकरे की मौत की खबर लोगों ने सुनी। पहले तो लोगों को इस सूचना पर सहज विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन सच तो सच है और वो ये कि रीता अब इस दुनिया में नहीं रही।
दरअसल लोग उसकी मौत पर विश्वास करते भी तो कैसै, सबसे हंसते-मुस्कुराते मिलने वाली, अस्पताल में भर्ती हर मरीज को अपना समझ कर उसका पूरा खयाल रखने वाली, समय पर मरीजों को दवा देना, उनकी जांच करना ये सब लोगों की आंखों के सामने तैर जा रहा है। रीता की मौत ने सभी को अंदर से हिला दिया है।
बताते हैं कि रीता पिछले एक दशक से जिला अस्पताल में कार्यरत रही। मरीजों की निःस्वार्थ सेवा उसकी आदत में शामिल था। सेवा भाव के साथ उसका हंसता-मुस्कराता चेहरा हर किसी को याद हो आ रहा है। वो मरीज से ऐसे मिलती जैसे उसका कोई सगा हो, चाहे टेंप्रेचर लेना हो या बीपी चेक करना हो या ड्रिप लगाना हो, सब कुछ पूरी तल्लीनता से करती रहीं। आज सुबह जब लोगों ने उसकी मौत की खबर सुनी तो उन पर दुखों का पहाड़ सा टूट पड़ा। अस्पताल के कर्मचारियों की आंखें नम हो उठीं। शोक सभा में सभी उसकी कार्यशैली को स्मरण कर रहे थे।
जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. अनिता अग्रवाल ने बताया कि जिले में कोविडकाल के शुरुआती दौर से ही रीता कोविड मरीजों के इलाज के लिए सेवाएं दे रही थी। वह गर्भवती थी जिसके कारण उसे कोविड का टीका नहीं लग सका था। करीब एक माह से वह संक्रमण की चपेट में थी जिसका इलाज जिला अस्पताल में चलने के बाद उसे दो दिन पहले ही मेडीकल कॉलेज जबलपुर में भर्ती किया गया था। सिविल सर्जन ने बताया कि स्टाफ नर्स रीता को लंग्स और फेंफड़ों में संक्रमण बढ़ गया था और उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था लेकिन रविवार को उसकी मृत्यु हो गई। उसे करीब साढ़े 8 माह का गर्भ था और उसके साथ गर्भ में पल रहे शिशु की भी मौत हो गई।
रविवार को मृत स्टाफ नर्स रीता का अंतिम संस्कार कोविड गाइड लाइन के अनुसार झिरना स्थित मुक्तिधाम में किया गया। स्टाफ नर्स रीता की असमय मौत से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में शोक व्याप्त है और सिविल सर्जन सहित अनेक कर्मचारी कह रहे है कि रीता हर समय मरीजों के इलाज और उनकी सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य करती थी। करीब 10 वर्षो के सेवाकाल दौरान उसने अपनी कार्यशैली से सभी को अपना मुरीद बना लिया था।
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