शुचिता व सिद्धांत की राजनीति को लगा भ्रष्टाचार व अपराध का मर्ज
नरसिंहपुरPublished: Sep 11, 2018 09:22:08 pm
नरसिंहपुर। कहा जाता है कि रोग के उपचार के लिए अच्छा चिकित्सक होना चाहिए, वैसे ही राजनीति के क्षेत्र में फैले वातावरण को दुरूस्त करने अच्छे लोगों को आगे लाने की महती आवश्यकता है। जिले के वरिष्ठ चिकित्सक हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर संजीव चांदोरकर का मानना है कि राजनीति व चिकित्सा या फिर कोई अन्य विषय सभी में संवाद होना जरूरी है।
Senior doctor Dr. Sanjeev Chandorkar said that dialogue should be established
नरसिंहपुर। कहा जाता है कि रोग के उपचार के लिए अच्छा चिकित्सक होना चाहिए, वैसे ही राजनीति के क्षेत्र में फैले वातावरण को दुरूस्त करने अच्छे लोगों को आगे लाने की महती आवश्यकता है। जिले के वरिष्ठ चिकित्सक हृदय रोग विशेषज्ञ डाक्टर संजीव चांदोरकर का मानना है कि राजनीति व चिकित्सा या फिर कोई अन्य विषय सभी में संवाद होना जरूरी है। संवादहीनता की वजह से होने वाले मर्ज की जड़ तक जाए बिना उसका उपचार संभव नहीं है। वर्तमान में राजनीति के क्षेत्र में शुचिता व सिद्धांत दरकिनार कर दिए गए हैं, और भ्रष्टाचार एवं अपराधिक प्रवृत्ति का बोलबाला या यू कहें कि कब्जा होता जा रहा है। यह समाज, क्षेत्र, प्रदेश व देश के विकास में बाधक ही नहीं अपितु चिंतन का विषय है।
डाक्टर चांदोरकर ने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे देखते हुए सामने ही जिले में कल-कल बहने वाली सींगरी नदी ने दम तोड़ दिया। कई बार इसके लिए प्रयास कर लाखों रूपए खर्च हुए लेकिन उसकी जड़ तक काम नहं होने से अब आने वाली पीढ़ी गिरते जल स्तर का दंश भोगेगी। ऐसा ही हाल ऐतिहासिक नरसिंह मंदिर के तालाब का भी है। लोगों ने अपनी आवश्यकता के अनुसार आसपास अतिक्रमण कर गंदगी और कचराघर बना दिया। एक समय नगरपालिका अध्यक्ष महंत प्रीतमपुरी ने इसे हमेशा भरा रखने के लिए नहर से पानी लाने का प्रयास किया लेकिन उसे निरंतरता नहीं मिलने से हाल जस के तस हैं। यह धरोहर भी उपेक्षित होने से जिले में लगातार जल स्तर गिर रहा है। बीते सालों में करोड़ों रूपए खर्च करके आदर्श क्रिकेट ग्राउंड बन रहा है, 20 साल में अधूरी दर्शकदीर्घा व बिना सुविधा का मैदान ही है, उसमें कोई सुधार नहीं हो सका। जिले में ऐसे बहुतरे उदाहरण और हालात संवादहीनता की स्थिति के कारण है, लोग पद पर पहुंचने के बाद ध्यान देना बंद कर देते हैं, कार्यकर्ताओं को तुष्टीकरण के मायाजाल में उलझाकर दोहन हो रहा है और समाज, क्षेत्र के हालात निरंतर खराब ही होते जा रहे हैं।
डाक्टर चांदोरकर का मानना है कि राजनैतिक दलों में निचले स्तर को ध्यान में रखकर अपने कार्यक्रम तय करना होगा। जिस तरह आज की स्थिति में हम चिकित्सक रोग को दूर करने के लिए पैथॉलाजी, सोनोग्राफी व अन्य जांचों से जानकारी जुटाकर समुचित उपचार करते है। उसी तरह राजनैतिक दलों को भी हर वर्ग स्तर से चर्चा कर राजनीति में सिद्धांत व शुचिता को बेहतर करने के प्रयास किए जाना चाहिए।