नरसिंहपुरPublished: Mar 15, 2019 05:59:23 pm
narendra shrivastava
नहीं किया पानी सहेजने का काम, लगा ली फसल, सूखने लगे डैम, गर्मी में होगी समस्या
Dam cropped up on the ground
गोटेगांव। क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में बने डैमों में बारिश के मौसम में पानी लबालब भर गया था। लेकिन इसका उपयोग सिंचाई के लिए करने से अब डैम में पानी सूखता जा रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि डैम में जितना पानी बचा है वह एक दो माह ही काम आएगा। गर्मी के मौसम में यह डैम पूरी तरह से सूख जाएगा।
पहाड़ी इलाकों में पेयजल का स्तर कायम रहे और यहां की असिंचित भूमि सिंचित हो सके इसके लिए कई जगह पर डैम का निर्माण करवाया गया है। इसी कड़ी में भामा ग्राम पंचायत में स्वामी सागर डैम का निर्माण हुआ। इस साल बारिश अच्छी होने से डैम के ओवरफिलो से बारिश का पानी बह गया और डैम पूरी तरह से लबालब हो जाने के बाद भी वर्तमान समय में डैम बहुत खाली हो चुका है। गांव के लोगों का कहना है कि इसी गति से डैम का पानी कम होगा तो गर्मी के मौसम में बहुत समस्या पेयजल के लिए होगी।
डैम का पानी कम होने के बाद यहां पर कुछ लोगों ने टपरिया बनाने के बाद डैम की भूमि पर खेती करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है और ऐसे लोग जगह-जगह पर फसल लगा कर डैम के पानी का उपयोग कर रहे हैं। डैम की खाली जगह पर किसके कहने पर लोग खेती कर रहे हैं इस संबंध में अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
पहाड़ी इलाके में जो डैम निर्मित कराए गए हैं उनके पीछे मुख्य मकसद यह रहता है कि गर्मी के मौसम में पहाड़ी इलाके में जल स्तर नीचे नहीं गिर पाए इसलिए डैम में पर्याप्त जल मौजूद रहना चाहिए। मगर इन डैमों का संरक्षण करने वाले उक्त दिशा में कोई कदम नहीं उठाते हैं और उस पानी का पूरा उपयोग सिंचाई करने में कर देते हैं। जहां पर डैमों में कम पानी हो गया है वहां भविष्य को दृष्टि में रख कर डैम में पानी बचाने की दिशा में अधिकारी कदम उठाएं।