उल्लेखनीय है कि संगठन ने मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पत्र लिखकर 14 जनवरी से योजना का संचालन बंद करने का अल्टीमेटम भी दे दिया है। जानकारी के अनुसार दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना का संचालन जिला अस्पताल परिसर में 1 नवंबर 2017 से शुरू किया गया था। यहां ५ रुपए शुल्क लेकर जरूरतमंद व गरीबों को भरपेट भोजन उपलब्ध करवाया जाता है।
तो भूखे रह जाएंगे प्रतिदिन 500 जरूरतमंद
दीनदयाल रसोई में प्रतिदिन 400 से 600 लोग योजना के लिए यहां पहुंचकर भोजन करते हैं। ६ जनवरी को इस योजना का 639वां दिन रहा। अबतक यहां 3 लाख 37 हजार 290 लोग भोजन कर चुके हैं। यदि इस योजना का संचालन बंद कर दिया जाता है तो प्रतिदिन 500 से अधिक लोगों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो सकता है।
मरीजों के परिजनों को होगी समस्या
अस्पताल में रसोई घर में भोजन करने वाले जरूरतमंदों में सबसे अधिक संख्या मरीजों के परिजनों की होती है। दूरदराज के क्षेत्रों से जिला अस्पताल आकर इलाज करवाने वाले मरीजों के परिजन बाहर होटलों से मंहगा खाना खरीद पाने में सक्षम नहीं होते, ऐसी स्थिति में यह रसोई उनके लिए सबसे बड़ा सहारा होती है।
इनका कहना है
शासन की मंशानुसार दीनदयाल रसोई योजना का संचालन किया जा रहा है। वर्तमान एनजीओ प्रयास शिक्षण संस्था द्वारा आगामी समय में संचालन को लेकर असमर्थता व्यक्त की गई है। रसोई के निरंतर संचालन के लिए अन्य माध्यमों से भी चर्चा की जा रही है। आगामी समय में उच्चाधिकारियों से परामर्श करके जो भी निर्णय होगा उसमें बेहतर व्यवस्थाएं देने का प्रयास करेंगे।
अर्चना दुबे, अध्यक्ष, नगरपालिका नरसिंहपुर
संस्था द्वारा दीनदयाल रसोई के माध्यम से डेढ़ लाख लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया गया था। इसमें नगर में मित्रों शुभचिंतकों के साथ ही देश और विदेश के संपर्क में आए लोगों ने सहयोग किया। समाज सेवा की निरंतरता बनी रहे और अन्य संगठनों को भी इस दिशा में काम करने का अवसर मिले इस उद्देश्य को लेकर 14 जनवरी से संस्था ढाइ लाख से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराकर विराम ले रही है। कुछ माहों का भुगतान अटका है लेकिन यह कोई समस्या नहीं है।
विक्रांत पटैल, सचिव, प्रयास शिक्षण एवं सामाजिक संगठन