गांवों व शहरों में अभी काम अधूरा
इस मामले में विभागीय जानकारी के अनुसार पशु संगणना का कार्य जिले के 1021 गांवों एवं 142 वार्डो में किया जाना है। अब तक महज 700 गांव में ही पशु संगणना का कार्य हो पाया है। ऐसा ही हाल शहरी क्षेत्रों का भी है शहरी क्षेत्रों में अभी काम भी शुरू नहीं हो पाया है। जिसके बाद अब लगभग 321 ग्रामों तथा सभी शहरी क्षेत्रों के वार्डो में संगणना कार्य होना है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि ऋण माफी योजना के कार्य में लगे होने के कारण पशु संगणना कार्य नहीं हो पाया।
यह कर रहे पशु संगणना
विभागीय सूत्रों की जानकारी के अनुसार जिले में 59 प्रगणक, 12 सुपरवाइजर, 5 स्कू्रटनिंग अधिकारी, पशु गणना के लिए तैनात है। जिन्हें पशु संगणना के कार्य में लगाया गया था। इस बीच ऋ ण माफी के कार्य में भी इन्हीं चिकित्सकों एवं एवीएफओ को लगाया गया है। जिससे विभागीय पशु संगणना का कार्य रूक गया है।
आनलाइन देना है जानकारी
पशु संगणना का काम 2011 तक सामान्य प्रक्रिया से ही होता रहा है। 20 वीं पशु संगणना के लिए प्रगणकों को जानकारी ऑनलाइन एंट्री के माध्यम से करना है। विभाग के अनुसार गाय, भैंस, घोड़ा, ऊंट, खच्चर, पोल्ट्री, के अलावा इस बार मछली तालाब भी पशु संगणना का हिस्सा हैं। इसमें सर्वाधिक परेशानी आवरा मवेशियों को लेकर भी सामने आ रही है।
इनका कहना है
पशु संगणना का कार्य 1 जनवरी से शुरू हुआ है। जिसे 28 फरवरी तक पूरा करना है। लेकिन स्टाफ की ड्यूटी ऋ ण माफी के कार्य में लगी रही उन दिनों काम प्रभावित हुआ, जिसके कारण संगणना के कार्य में देरी हो रही है। जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
डाक्टर नितेश जैन नोडल अधिकारी पशु संगणना