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दिव्यानन्द महाराज का आगमन हुआ

locationनरसिंहपुरPublished: Mar 11, 2019 07:18:44 pm

Submitted by:

ajay khare

श्री तारण तरण जैन चैत्यालय जी में तारण तरण जैन समाज के साधक संघ भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत विगत दिवस आचार्य जिन तारण स्वामी की भव्य वाणी की प्रभावना के लिए आध्यात्म रत्न बाल ब्रम्हचारी बसंत महाराज के प्रभावक शिष्य दिव्यानन्द महाराज का आगमन हुआ। तीन दिनों तक श्री तारण तरण जैन चैत्यालय में आयोजित कर्यक्रम में सुबह मन्दिर विधि हुई।

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गाडरवारा। श्री तारण तरण जैन चैत्यालय जी में तारण तरण जैन समाज के साधक संघ भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत विगत दिवस आचार्य जिन तारण स्वामी की भव्य वाणी की प्रभावना के लिए आध्यात्म रत्न बाल ब्रम्हचारी बसंत महाराज के प्रभावक शिष्य दिव्यानन्द महाराज का आगमन हुआ। तीन दिनों तक श्री तारण तरण जैन चैत्यालय में आयोजित कर्यक्रम में सुबह मन्दिर विधि हुई। तत्पश्चात दिव्यानन्दजी ने उपस्थित सामाजिक बन्धुओं को प्रवचन देते हुए आचार्य जिन तारण स्वामी द्वारा रचित मालारोहण, तत्व निर्णय एवं सूत्रों के बारे में बताया। मालारोहण में व्यक्त ओम की महिमा बताते हुए क हा कि पंचपरमेष्टि के मिलन से जो वर्ण उत्पन्न होता है उसे ओम कहते हैं। तत्व निर्णय पर बताते हुए कहा कि आत्मा अलग है और शरीर अलग है। इसलिए आत्मा का चिंतन करने से आत्मा का कल्याण होगा। सूत्रों के बारे में बताते हुए कहा ककिवत्र्तमान जीवन विवेक, पुण्य पाप का निर्णय, कषाय की मंदता, धर्म की रुचि और सदाचारी जीवन सूत्रों का सार है। कार्यक्रम के अंतिम दिन श्री साधक संघ भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत पधारे दिव्यानन्द महाराज को समाज के लोगों द्वारा श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान करते हुए उन्हें विदाई दी। इस अवसर पर समाज की ओर से श्री तारण तरण जैन चैत्यालय के व्यवस्थापक सुरेंद्र जैन, पदम जैन शास्त्री, राजकुमार जैन तथा महिला मंडल की ओर से आशा एवं माया जैन ने दिव्यानन्दजी के सम्मान में उद्बोधन दिया। इस पूरे कार्यक्रम में तारण तरण समाज के होनहार बालक मन जैन की सक्रियता की प्रंशसा करते हुए दिव्यानन्दजी महाराज ने इसे परिवार के संस्कार बताते हुए बच्चे की भूरी भूरी प्रंशसा की।

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