जिला अस्पताल के स्टोर गायब है कीमती दवाएं
नरसिंहपुरPublished: Jan 21, 2019 09:08:46 pm
नरसिंहपुर। जिला अस्पताल के स्टोर की जांच का क्रम सोमवार को सुबह से प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर के निर्देश पर रविवार की रात को सील किए गए स्टोर को प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में खोला गया। दवाईयों के मिलान का काम शाम तक जारी रहा। सुबह ही सूचना मिलने पर स्टोरकीपर अमित तिवारी के निवास पर की भी जांच की गई जहां से एक कार्टून में महंगे इंजेक्शन मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बीते सालों में 5 से 5० लाख तक की दवाओं का घोटाला उजागर हो सकता है।
Investigations in the presence of administrative officials, expensive medicines recovered from the storekeeper’s house
नरसिंहपुर। जिला अस्पताल के स्टोर की जांच का क्रम सोमवार को सुबह से प्रारंभ हो गया है। कलेक्टर के निर्देश पर रविवार की रात को सील किए गए स्टोर को प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में खोला गया। दवाईयों के मिलान का काम शाम तक जारी रहा। सुबह ही सूचना मिलने पर स्टोरकीपर अमित तिवारी के निवास पर की भी जांच की गई जहां से एक कार्टून में महंगे इंजेक्शन मिले हैं। शिकायत के बाद 4 दिन का समय निकलने की का फायदा उठाकर कुछ दवाईयां वापस अस्पताल में अन्य स्थानों पर भी रखने की बात सामने आई है, इसका खुलासा बैच नंबर नहीं मिलने की वजह से हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि बीते सालों में 5 से 5० लाख तक की दवाओं का घोटाला उजागर हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में पदस्थ सहायक स्टोर कीपर ने अस्पताल के स्टोर से महंगी दवाईयां गायब होने की शिकायत सिविल सर्जन को 16 जनवरी को दी थी। जिस पर ठोस कार्रवाई नहीं होने की वजह से बाद में उसने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक व सीएमएचओ को शिकायत की। कलेक्टर दीपक सक्सैना ने शिकायत मिलने पर रविवार को देर रात्रि में अस्पताल का स्टोर सील करा दिया था।
जिला अस्पताल के स्टोर से जो दवाईयां गायब होने की शिकायत थी उनमें से कुछ दवाईयां व इंजेक्शन 10 से 35 हजार रूपए कीमत के भी हैं। स्टोरकीपर के घर से 3500 रूपए कीमत वाले इंजेक्शन जब्त किए गए हैं, वे उसके घर क्यों रखे थे इस संबंध में पूछताछ और बयान दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों की उपस्थिति में शिकायतकर्ता सहायक स्टोरकीपर, स्टोरकीपर सहित अन्य संबंधितों के बयान दर्ज किए गए हैं।
बड़ा रैकेट सक्रिय है गोरखधंधे में
जिला अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि स्टोर में गड़बड़ी का सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। इसमें उच्चाधिकारियों की मिलीभगत होने का भी अंदेशा जताया गया है, वहीं बड़ा रैकेट सक्रिय होने का दावा सूत्र कर रहे हैं। स्टोर में दवाइयां प्राप्त होने के बाद जबलपुर के कुछ दलालों के माध्यम से बेची जाती रही हैं। सूत्रों के अनुसार गायब हुई दवाईयों को दोबारा रखने का प्रयास हुआ है क्योंकि अन्य बैच की वहीं दवाईयां भी अस्पताल के पीछे वाले एक स्थान पर रखी होने की बात सामने आई है। अब जांच में यह पेंच भी आया है कि यह गायब हुई दवाईयां अन्य किसी जिसे से लाकर रखी है।
इनका कहना है
कलेक्टर के निर्देश पर रात्रि को जिला अस्पताल का स्टोर सील कराया था। सुबह उसे खोला गया है। एसडीएम, अपर कलेक्टर, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों की टीम बनाकर स्टोर की दवाईयों का मिलान किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया गड़बड़ी तो सामने आई है, सुबह जांच के दौरान जानकारी मिलने पर स्टोरकीपर के घर पर भी टीम भेजी थी जहां से कुछ महंगी दवाईयां मिली हैं। अस्पताल के पीछे कुछ दवाईयां रखी होने की बात कही गई थी जिनके बैच नंबर का मिलान नहीं हुआ है।
आरपी अहिरवार सीईओ
जिला पंचायत नरसिंहपुर