लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। अब सोमवा को ही जिले के बसुरिया गोदाम में किसान खाद लेने पहुंचे तो वहां तैनात कर्मचारियों ने बताया कि डीएपी नहीं है। यूरिया, पोटास, सुपर हैं तो लेकिन स्टॉक सीमति है, लिहाजा थोड़ा-थोड़ा ही वितरित किया जा सकता है। इससे किसानों में असंतोष रहा। नतीजा ये कि जिसे 20 बोरा खाद चाहिए उसे 10 बोरे से ही संतोष करना पड़ा। किसानों का कहना है कि रोज-रोज खाद के लिए ही दौड़ते रहेंगे तो बोआई कब करेंगे।
“किसान परेशान न हो सभी को समय पर पर्याप्त खाद मिलेगा। फिलहाल डीएपी सीमित मात्रा में है उसके बदले किसान एसएसपी, एमओपी, काम्पलेक्स का उपयोग कर सकते हैं, फायदा ही होगा।”-राजेश त्रिपाठी, उपसंचालक कृषि नरसिंहपुर